— अस्सी के करीब कारीगरों ने फूलों की सजावट करने में निभा रहे है सेवा
— 115 तरह के फूलों से सजाया जा रहा है श्री हरिमंदिर साहिब परिसरपंकज शर्मा , अमृतसर
श्री गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व भव्य रूप में श्री हरिमंदिर साहिब में आयोजित किया जा रहा है। इस पवित्र दिवस को मुख्य रख श्री हरिमंदिर साहिब परिसर को अलग अलग तरह के देशी व विदेशों फूलों के साथ सजाया गया है। गुरु राम दास जी के प्रकाश पर्व को मुख्य रख श्री हरिमंदिर साहिब,परिक्रमा श्री हरिमंदिर साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब के साथ साथ श्री हरिमंदिर साहिब परिक्रमा में स्थित अलग अलग गुरुद्वारों को फूलों के साथ सजाया गया है। जो मनमोहक दृष्य पेश करते हुए संगत को आकर्षित कर रहे है। श्री हरिमंदिर साहिब,श्री अकाल तख्त साहिब और परिक्रमा की सजावट के लिए 222 क्विंटल अलग अलग तरह के फूलों का उपयोग किया जा रहा है। सजावट के लिए फूल हर रोज मुबई से हवाई जहाज से मंगवाए जा रहे है। इन फूलों को सजाने के लिए कोलकत्ता, मुबई आदि से 80 से अधिक आए अलग अलग कारीगर सेवाएं निभा रहे है। बताया गया है कि सजावट के लिए 115 तरह के फूलों का उपयोग हो रहा है। यह फूल कलकत्ता, केरला, पूना, दिल्ली, मुंबई,यूपी, हिमाचल प्रदेश, मलेशिया,थाइलैंड,सिंघापुर,बैंकां
श्री हरिमंदिर साहिब में सब से अधिक संख्या में गेंदा के फूलों का उपयोग हो रहा है। सजावट के लिए फूलों के अलग अलग तरह के झालर और डिजाइन तैयार करके लगाए जा रहे है। इन फूलों की सेवा पिछले कई वर्षों से मुबई से सेवादार इकबाल सिंह निभा रहे है।
इकबाल सिंह का कहना है कि गुरु घर के प्रति अथाह श्रद्धा के कारण ही वह यह सेवा निभा रहे है। वाहे गुरु के आर्शीवाद के कारण ही उन्होंने यह सेवा कुछ वर्ष पहले शुरू की थी जो लगातार जारी है। इस बार मुबई से उनके साथ 150 के करीब श्रद्धालु भी आए है। जो जो गुरु घर में अलग अलग सेवाएं निभा रहे है। प्रकाश पर्व के अवसर पर आतिशबाजी भी चलाई जा रही है। यह पल्यूशन फ्री व कम धुआ वाली वातावरण फ्रेंडली आतिशबाजी है। जिस को चलाने के लिए भी 15 सदस्यों की टीम है। प्रकाश पर्व के अवसर पर श्री हरिमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और गुरुद्वारा अटल राय साहिब में सुंदर जलौ सजाएं जाएंगे। हरिमंदिर साहिब और परिसर में स्थित अलग अलग गुरुद्वारों में रंग बिरंगी लड़ियां भी लगाई गई है। शुक्रवार वार शाम को श्री हरिमंदिर साहिब परिसर में दीपमाला की जाएगी और आतिशबाजी भी संगत चलाएगी।
— पंकज शर्मा