गुरुवार, 15 फ़रवरी 2024

पंजाब के नेता हमें मुफ्तखोरी की आदत डाल रहे, इससे बचकर हमे अपने दायित्व को समझना होगा : मन्ना

 शक्ति नगर में लोगों को जागरूक करने के लिए पहुंचे समाज सेवक मनदीप सिंह मन्ना

पंजाब पर आज चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज, यही कर्ज लोगों से वसूल रही है सरकार

अमृतसर : समाज सेवक मनदीप सिंह मन्ना ने कहा कि सरकारों से अपील की है कि पंजाब को बचाया जाए। पंजाब में आज नशा पूरी तरह से फैलता जा रहा है जो युवाओं को अपनी दलदल में जकड़ रहा है। नतीजतन 15 से 22 साल का नौजवान पंजाब में दिख नहीं रहा है। कुछ विदेशों की ओर भाग रहा है तो कुछ नशे की तरफ जा रहा है। पंजाब के हालात एेसे हो चुके है कि आज जगह-जगह नशा छुड़ाओं खोलने की जरुरत पड़ रही है। कहीं अफीम छुड़ाने के लिए नशा छुड़ाओं केंद्र खुले है तो कुछ चिट्टा छुड़वाने के लिए। इसके अलावा दूसरी ओर देखा जाए तो पंजाब में जगह-जगह आइलेट्स सेंटर और विदेश भेजने के लिए इमीग्रेशन के दफ्तर खुले हुए दिख रहे है। आज जरुरत है पंजाब को बचाने की और इसके लिए हम सभी को आवाज उठानी होगी। समाज सेवक मनदीप सिंह मन्ना शक्ति नगर स्थित जय हो क्लब के प्रधान विक्की दत्ता की तरफ से आयोजित कार्यक्रम के दौरान संबोधित कर रहे थे। वह पंजाब के अलग-अलग मुद्दों को लेकर लोगों की राय जानने के लिए जागरूकता कार्यक्रम कर रहे है। इस दौरान नाटक मंडली की तरफ से पंजाब को नशों से बचाने के लिए नाटक का मंचन भी किया गया और लोगों को अपने बच्चों को नशों से दूर रहने की अपील की गई।  
उन्होंने कहा कि किसी समय पंजाब की पहचान खेतीबाड़ी होती थी। अमृतसर को कपड़े का घर कहा जाता था। इतना ही नहीं कई अमर शहीदों ने पंजाब की धरती पर जन्म लिया। लेकिन आज पंजाब को नशों के लिए जाना जाता है। पंजाब के जिन युवाओं के पास पैसा है, वह विदेशों की तरफ भाग जाते है और जिनके पास पैसे नहीं है वह नशों में लग जाते है। आज कैसे पंजाब को बचाया जाएगा। इस पर विचार करने के लिए ही वह जनता के बीच खुद उतरे है। अपने पंजाब, अपने शहर को बचाने के लिए हम सभी को लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि बठिंडा में एक क्षेत्र जिसे किसी समय साहिबजादा अजीत सिंह नगर के नाम से जाना जाता है, आज उस रोड को आइलेट्स सेंटर के नाम से जाना जाता है। एेसा ही हाल रंजीत एवेन्यू में भी है। वहां भी जगह-जगह आइलेट्स सेंटर खुले हुए है। आज किसी भी नौजवान से पूछ लो कि उसने पढ़ कर क्या करना है तो वह यही कहता है कि उसने आइलेट्स करके विदेश चले जाना है। उन्होंने कहा कि आज पंजाब के हालात यह है कि किसी घर में पांच-पांच बच्चे नशा करके मर गए और बुजुर्ग आटा-दाल मांग कर मर रहे है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के बच्चे विदेश जा चुके है, उनके 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों ने एक ग्रुप बना रखा है कि अगर किसी को कुछ हो जाता है तो एक दूसरे का हाल उस व्हाट्सअप ग्रुप में जानते है। बच्चे विदेश चले जाते है और उनके बुजुर्ग यहां बीमारियों से लड़ते होते है। मां-बाप को बुढ़ापे के समय पैसे की जरुरत नहीं, उन्हें बच्चों की जरुरत होती है। अभी वह विदेश होकर आए है तो वहां भी हालात बदतर है। वहां पंजाब के नौजवान नौकरी के लिए तरस रहे है। एक बेसमेंट में 20-20 बच्चे रह रहे है। उन्होंने उन बच्चों से अपील की है कि जो विदेश जाना चाहते है और नशा कर रहे है, वह लोग पंजाब का सोचे, अपने शहर का सोचे और अपने मां-बाप का सोचे। हम अपना घर बचाने की जगह अपनी जिंदगी को सफल बनाने में लगे है. उसके पीछे नहीं देखते कि हमारे देश को आजाद करवाने में कितनी कुर्बानियां दी है। लेकिन आज भी हम गुलाम है। उन्होंने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि अब किसी के मरने पर भी उनके कार्यक्रम का ठेका लेकर काम करने वाली कंपनियां खुल गई है। यह कंपनियां मरने वाले का कार्यक्रम आयोजित करती है और उसमें वह तय करती है कि किरया क्रम में कौन से फूल आने है और वहां पर भीड़ एकत्रित करने के लिए भी वह ही लोग लेकर आते है। इन कंपनियों को खासकर वह लोग ठेका देते है, जिनके बच्चे विदेश गए होते है और वह अपने बुजुर्गों के मरने के समय नहीं आ पाते। एेसा पंजाब हमारा नहीं था। उन्होंने कहा िकि अलग-अलग पार्टियों के नेता लोगों के पास जब आते है, तो कई वायदे करते है। कोई 10 किलो आटा देने का लालच देता है, तो कोई 20 किलो और कोई 40 किलो आटा देने का लालच देता है। इस सबसे दूर हटकर अपना दायित्व समझना होगा।
उन्होंने कहा कि पंजाब पर चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। यह कर्जा सरकार के ऊपर नहीं बल्कि पंजाब के लोगों पर है। अगर आंकड़ों पर गौर करे तो पंजाब के प्रति व्यक्ति पर सवा लाख रुपये का कर्ज है। इसमें बच्चे और बुजुर्ग दोनों ही शामिल है। इसके लिए प्रति महीना 1250 रुपये लोगों से ब्याज लिया जा रहा है, जो उन्हें पता ही नहीं चल पाता है। 20 किलो आटा और बिजली फ्री देकर अन्य सामानों को महंगा कर दिया जाता है। इनमें रोजाना की इस्तेमाल होने वाली चीजे शामिल है। उन्होंने कहा कि फ्री कुछ नहीं दिया जाता। उन्होंने यह मुहिम इसलिए शुरु की है कि हम लोग अपने हक तो समझे। उन्होंने कहा कि पंजाब को जो अफसर चलाते है, आज उनके बच्चे भी विदेशों में ही है। एेसा इसलिए है कि उन्हें पता है कि उनके बच्चे सेफ नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोग मुफ्तखोरी के गुलाम हो चुके है। हमे इस सोच को खत्म करना होगा। पंजाब के नेता सिर्फ रेत-बजरी, बिजली की लड़ाई लड़ रहे है। जबकि उन्हें इस पर लड़ना चाहिए कि पंजाब के युवाओं को किस तरह से नशे से बचाना है। उन हालातों पर कोई भी गौर नहीं करता। पंजाब की बेटियों के भी हालात बदतर है। उन्होंने कहा कि बड़ी ही हैरानी की बात है कि अमृतसर में लड़कियों का पंजाब का पहला डी एडिक्शन सेंटर खोला गया है। इससे साफ है कि पंजाब की बेटियां भी नशा कर रही है। पहले पंजाब में आतंकवाद था, अब गैंगस्टरवाद हो गया है। बुलेटप्रूफ ट्रैक्टर चलने लगे है। इतना ही नहीं पंजाब में बच्चे पैदा होने की संख्या भी कम हो गई है। पहले सवा पांच लाख के करीब बच्चे पैदा होते थे, लेकिन अब दो सवा दो लाख बच्चे पैदा होते है। इसका कारण यह है कि पंजाब के बच्चे विदेश जा रहे है और वहां पर ही शादी करवा रहे है और वहीं बच्चे पैदा कर रहे है। उन्होंने कहा कि वह आवाज उठाने की कोशिश कर रहे है और हमेशा उठाते रहेंगे। यह मुहिम उन्होंने गांव-गांव चलाई है। नेताओं को यही संदेश दिया जा रहा है कि वह बच्चों को किस तरह से पढ़ाएंगे। नशों को कैसे खत्म करेंगे। उन्होंने कहा कि आज जो लोग हमे आगे लेकर जाना है, उनसे तो हम दरकिनार हो रहे है। लेकिन जो लोग हमें नशों और हथियारों से जोड़ रहे है, उन्हें हम 10-10 लाख रुपये देकर स्टेजों पर बुलाते है। उन्होंने कहा कि आज पंजाब को अगर बचाना है तो हमे आगे आना होगा। हमे जागरूक होकर नेताओं से पूछना होगा कि हमारे कितने युवाओं को रोजगार मिला है, कितने बहन बेटियों को सुरक्षा मिली। हमारा कारोबार कितना बढ़ा है। बुजुर्गों को कितना ईलाज फ्री मिला है। उन्होंने कहा कि हम लोग आटा दाल में ही उलझ कर रह गए है। हम लोग अपने बच्चों को अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए भेज देते है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर हम पंजाब को तरक्की की राह पर लेकर जाना चाहते है तो हमें अपने दायित्व को निभाना होगा।


कोई टिप्पणी नहीं: