शुक्रवार, 18 मार्च 2022

बदलते मौसम को मुख्य रख गर्मी का मुकाबला करने के लिए आंदोलनकारी किसानों ने तैयार की आधुनिक सुविधा युक्त ट्रालियां


— गर्मी व मच्छरों से बचाव होगा इन जगाडू ढंग से तैयार की ट्रालियां
पंकज शर्मा , अमृतसर
केंद्र सरकार और किसान जत्थेबंदियों के मध्य कृषि कानूनों को लेकर चल रहे हठ वाले व्यवहार के कारण दिल्ली बार्डर पर चल रहा आंदोलन लम्बा चलने की संभावना है। पहले ठिठुरती सर्दी का मुकाबला करते हुए किसानों ने दिल्ली बार्डर पर आंदोलन को जमाए रखा। अब गर्मी का मौसम शुरू हो रहा है। इस मौसम भी आंदोलन मौसम की चुनौतियों का मुकाबला करते हुए जारी रखने के लिए किसानों ने आवश्यक प्रबंध शुरू कर दिए है। सर्दी के मौसम में यहां सर्दी से बचाव के लिए सभी प्रबंध किसानों ने किए थे वहीं अब गर्मी का मुकाबला करने के लिए ट्रालियों को अति आधुनिक सुविधाओं से लैस करने की जगाड़ू व्यवस्था करनी शुरू कर दी है।
जिले के गांव कत्थनंगल के गुरलाल सिंह जो किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सक्रिया सदस्य है ने गर्मी के मौसम में मच्छरों व मक्खियों आदि से बचाव के लिए अपनी ट्राली को आधुनिक सुविधाओं वाली ट्राली के रूप में तैयार किया है। गुरलाल सिंह ने बताया कि वह पहले भी तीन बार जत्थों के साथ अपनी ट्राली लेकर दिल्ली जा चुका है। पहली बार वह 18 दिन धरने में रह कर आया है दूसरी बार वह 25 दिन रह कर आया था। वहां रात्रि के समय जो मुश्किलें आती है उसको मुख्य रख उसने अपनी 17 फुट वाली ट्राली को माडीफाई किया है। ट्राली की छत को बडियां टीनों वाली बनाया गया है। ट्राली के चारों को मच्छर आदि के प्रवेश को रोकने के लिए बरीक जाली लगाई गई है। ट्राली को एक बढिया कमरे के रूप में तैयार किया गया है। जिस में एक छत वाले पंखे , एक एक्सजास्ट फैन, एक फ्राटा फैन आदि की व्यवस्था की गई थी। वहीं इस ट्राली में 7 प्लग की व्यवस्था की गई है। अंदर और बाहर चारों और एईडी बल्ब लगाने के आठ प्वाइंट की भी व्यवस्था की गई है। अंदर एलसीडी टीवी लगाने की भी व्यवस्था है। रात्रि को ट्राली रूपी आधुनिक कमरे में 15 के करीब व्यक्ति आराम से बिना किसी मुश्किल सो सकते है। अन्यों के लिए फोल्डिंग बैड, मच्छर दानियों आदि की भी व्यवस्था की गई है। ट्राली रूपी कमरे के अंदर मासक्यूट रैपलेंट लगाने के लिए भी अलग से प्लग प्वाइंट की व्यवस्था की गई है। ट्राली एक रूम की तरह बंद है। हवा आने के लिए उसमें जालियां और खिडकी आदि की व्यवस्था की गई है। ट्राली का बैक डाला बंद कर दिया गया है। बैक में ट्राली के अंदर व बाहर जाने के लिए एक दरवाजे की और उतरे व चढ़ने के लिए सीढियों की व्यवस्था भी की गई है। ट्राली के अंदर सोने की बढियां व्यवस्था की गई है। बढियां क्वालिटी के मैप आदि भी अंदर लगाए गए है। हमने ट्राली को एक रूम का रूप देकर एक माडल , आंदोलन में हिस्सा लेने वाले अन्य किसानों को दिया है ताकि वह भी मौसम के बदलाव को मुख्य रख अपनी अपनी ट्रालियों में यह आधुनिक सुविधाएं स्थापित कर के आंदोलनकारी किसानों को सुविधांएं प्रदान कर सकें।
— पंकज शर्मा

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