शुक्रवार, 18 मार्च 2022

अमृतसर पहुंचे सांपला को हरिमंदिर साहिब व रामतीर्थ में करना पड़ा विरोध का सामना


— जोशी और मलिक को भी घेरा किसानों ने
अमृतसर
अनुसूचित जाति कमिशन के चेयरमैन बनने के बाद पहली बार श्री हरिमंदिर साहिब माथा टेकने पहुंचे विजय सांपला को विदेश से आए एक युवक के विरोध कर सामना करना पड़ा। परंतु विजय सांपला ने जब युवक सुरजीत सिंह के किसानी कानूनों के मुद्दे पर पूछे सवाल का सार्थक जवाब न दिया तो उसने सांपला का परिक्रमा में विरोध किया। सांपला के साथ आए सुरक्षा कर्मियों ने उसे पकड़ कर खींचते हुए पीछे हटा दिया और सांपला श्री हरिमंदिर साहिब माथा टेकने चले गए। श्री हरिमंदिर साहिब पहुंचे सांपला को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से सूचना केंद्र में सम्मानित भी नहीं किया । विजय सांपला का विरोध किसानों की ओर से राम तीर्थ माथा टेकने के दौरान भी किया। इसी तरह भाजपा के पूर्व राज्य अध्यक्ष श्वेत मलिक को भी किसानों का रेलवे स्टेशन पर पत्रकार वार्ता के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा। रामतीर्थ पहुंचे भाजपा के पूर्व केबिनेट मंत्री अनिल जोशी की गाड़ी भी किसानों ने वहां रोक ली। जोशी को किसानों ने कृषि मुद्दों पर उनके सवालों का जवाब देने के लिए मजबूर किया।
विजय सांपला जैसे ही श्री हरिमंदिर साहिब परिक्रमा से वीआईपी रास्ते से श्री हरिमंदिर साहिब माथा टेकने जाने लगे तो संगत में से सुरजीत सिंह निवासी गांव  रामतीर्थ , तलवंडी साबो जिला बठिंडा जो आज कल अस्ट्रेलिया का पीआर है ने सांपला से प्रश्न किया कि किसानी कानूनों को लेकर उनकी और सरकार की क्या प्रतिक्रिया है। इस के जवाब में सांपला ने कहा कि वह एससी कमिशन की संविधायक पोस्ट पर है। वह इस सवाल का जवाब देने के लिए निर्धारित नही है। इस पर सुरजीत ने सांपला का विरोध किया। युवक ने यह भी कहा कि सांपाल को वीआईपी रास्ते से एसजीपीसी के अधिकारी क्यों माथा टेकने के लिए लेकर जा रहे है। इसी दौरान सांपला के सुरक्षा कर्मियों ने उसे खींच कर पीछे हटा दिया। युवक्त ने बताया कि व पंजाब विश्वविद्यालय में छात्र संगठन सोपू का नेता रह चुका है। वर्ष 2009 — 2012 में उसने पीयू से एलएलबी की और अब वह अस्ट्रेलिया का पीआर है। नवंबर में वह भारत आया था और दिल्ली में चल रहे किसानी मोर्चे में वह लगातार आंदोलन में हिस्सा ले रहा है। उसने कहा कि जो सरकार जनता के सवालों का जवाब नहीं दे रही है वह लोकतांत्रिक सरकार नहीं बल्कि तानाशाही वाली सरकार है। 200 से अधिक किसान मारे जा चुके है केंद्र सरकार कोई भी जवाब नही दे रही है।
सांपला जब राम तीर्थ माथा टेकने पहुंचे तो वहा किसान नेता बचित्तर सिंह के नेतृत्व में किसानों के ग्रुप ने सांपला के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनकी गाडी रोकने की कोशिश की। परंतु सुरक्षा कर्मी सांपला की गाडी भगा कर ले गए। किसानों ने वहां पूर्व मंत्री अनिल जोशी की गाडी रोक कर जोशी से किसानी कानूनों के संबंध में सवाल करने शुरू कर दिए। जोशी सडक पर ही किसानों के सवालों का जवाब देते रहे परंतु किसान संतुष्ट न हुए और भाजपा और उनके नेताओं के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।
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मलिका का भी किया किसानों ने विरोध
रेलवे स्टेशन अमृतसर  पर चल रहे सौदर्यीकरण  के कामों का जायजा लेनें पहुंचे राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक का किसान संगठनो ने पहुंच कर घेराव किया और नारेबाजी शुरु कर दी। नारेबाजी हर रहे किसानों को देखकर मलिक तुरंत रेलवे स्टेशन सुपरिटेंडेंट के कमरे में चले गए और अंदर से दरवाजा बंद कर दिया। इसके बाद काफी देर तक किसान संगठनों के सदस्य बाहर ही मलिक व मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। किसानो ने कहा कि उक्त नेता सब कुछ बेचने को लगे हुए है। रेलवे स्टेशन की भी नीलामी कर दी गई है। जिसे कभी बर्दाशत नहीं किया जाएगा। इसके बाद किसान संगठन प्लेटफार्म पर बैठ गए और काफी देर तक नारेबाजी करते रहे। थोड़ी देर के बाद मौके पर पहुंची थाना सिविल लाइन पुलिस किसान संगठनो के सदस्यों को गाड़ी में डालकर ले गए और वापिस श्वेत मलिक के घर बाहर छोड़ दिया।
— पंकज शर्मा

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