शुक्रवार, 18 मार्च 2022

पीड़िता का अकाल तख्त को लिखा पत्र चड्ढा की क्लीन चिट के लिए बन सकता है मुश्किल

— पीडिता के पत्र ने किया स्पष्ट कानून की अदालत में चले रहे केस को प्रभावित करने के लिए क्लीन चिट के लिए चला है राजनीतिक हस्तक्षेप

 अमृतसर
सिखों के 118 वर्ष पुराने संस्थान चीफ खालसा दीवान के पूर्व अध्यक्ष चरणजीत सिंह चड्ढा को श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से क्लीन चिट दे दी गई है। इस दी गई क्लीन चिट से न तो चड्ढा से पीड़ित दीवान के स्कूल की प्रिंसिपल संतुष्ट है। वहीं दीवान के सभी सदस्य और मौजूदा नेतृत्व के कई सदस्य भी इस फैसले को लेकर खुश नही दिखाई दे रहे है। अकाल तख्त साहिब के आदेशों के बाद पीड़िता की ओर से जत्थेदार अकाल तख्त साहिब को लिखा पत्र आने वाले समय में चड्ढा की दोष मुक्ति के लिए मुश्किल बन सकता है। दीवान में चर्चा है कि चड्ढा को क्लीन चिट कथित राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते मिली है। जबकि दूसरी और चड्ढा को क्लीन चिट दिए जाने पर पीड़िता ने अकाल तख्त साहिब की ओर से किए गए न्याय पर भी सवाल खड़े कर दिए है।
दीवान के एक स्कूल की पूर्व प्रिंसिपल जो चड्ढा से पीड़ित थी और जिस के साथ अश्लील हरकतें किए जाने की चड्ढा की वीडियो वायरल हुई थी , उसने अकाल तख्त साहिब के कार्यवहाक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि उसका पक्ष सुने बिना ही अकाल तख्त साहिब की ओर से चड्ढा को दोष मुक्त कर देना पक्षपात वाला फैसला है। जबकि इस मामले को लेकर अभी केस अदालत में विचाराधीन है।
जबकि चड्ढा के पक्ष वाले दीवान के सदस्यों का कहना है कि चड्डा को वर्ष 2018 में अकाल तख्त साहिब के तत्कालीन जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने आदेश जारी करके उनकी समाजिक, राजनीतिक और धार्मिक गतिविधियों के नेतृत्व पर रोक लगा दी थी। यह रोक दो वर्षों के लिए लगाई गई थी। अब दो वर्ष पूरे हो गए है। जिस को मुख्य रख चड्ढा ने अकाल तख्त साहिब को दो अलग अलग बाद पत्र लिख उनके मामले पर विचार करने की अपील की थी। रोक का समय समाप्त होने के कारण चड्ढा को दोषों से अकाल तख्त साहिब की ओर से मुक्ति मिली है।
पीड़िता ने पत्र में जिक्र किया है अकाल तख्त का फैसला सुन कर उसे बहुत दुख हुआ है। पांच सिंह साहिब को चड्ढा के सबंध में कोई भी फैसला लेने से पहले उनकी भी सुनवाई करनी चाहिए थी। अपन पक्ष रखने के लिए पीड़िता ने कई बार अकाल तख्त को पत्र भेजे। परंतु अकाल तख्त साहिब की ओर से उसे एक बार भी पक्ष रखने के लिए बुलाया नहीं गया। उसने कहा कि चड्ढा से दोषों से मुक्त होने के लिए अकाल तख्त को गुमराह किया है। यह मामला अभी कानून की अदालत में चल रहा है। वहां से चड्ढा को दोषों से कोई मुक्ति नही मिली है। माननीय जज कमल वरिंदर की अदालत में चल रहे केस संबंधी अदालत ने 24 फरवरी को चरणजीत सिंह चड्ढा के खिलाफ गवाहीयां करवाने के हुक्म दिए है। जिस की अगली तिथि 13 मई 2021 है।पीड़िता से जत्थेदार को अपने पत्र में यह भी कहा है कि चड्ढा की गतिविधियों के कारण वह पिछले तीन वर्षों से मानसिक परेशानी झेलते हुए समाजिक तौर विचारने के लिए संघर्ष कर रही है। अकाल तख्त साहिब की ओर से चड्ढा का दी गई दोषों से मुक्ति मेरे कानून की अदालत में चले रहे केस को प्रभावित कर सकती है। लगता है एक आदेश एक सुनियोजित राजनीति से जारी करवाया गया है। उसने यह भी अपील जत्थेदार से की है कि चड्ढा को दोषों से मुक्ति देने वाला अकाल तख्त साहिब के आदेशों पर रोक लगाई जाए जब तक कानून की अदालत से कोई फैसला नही हो सकता। वैसे भी जो मामले अदालतों में चल रहे होते है उन मामलों पर कभी भी अकाल तख्त साहिब की ओर से फैसले नहीं सुनाए जाते और कानून की अदालत के फैसलों के बाद ही अकाल तख्त की ओर से मुद्दों पर फैसले सुनाए जाते रहे है।
— पंकज शर्मा

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