— कंवलजीत सिंह को जांच में शामिल करने के लिए बाते आने लगी सामने — रिकार्ड कब्जे में लेकर तैनात किए जत्थेदार अकाल तख्त साहिब ने टास्क फोर्स के कर्मचारी पंकज शर्मा , अमृतसर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह आदेशों के बाद अकाल तख्त साचिवालय ने एसजीपीसी के प्रेस व पब्लिकेशन विभाग का सारा रिकार्ड कब्जे में लेकर सील कर दिया है। अब मामले की गंभीरता को मुख्य रख उस रिटायर कर्मचारी कंवलजीत सिंह के खिलाफ भी कार्रवाई बनने की संभावना बढने लगी है जिस ने अपनी रिटायरमेंट के बाद 267 स्वरूपों के गायब होने का खुलासा किया जब गायब स्वरूपों के पैसे एसजीपीसी ने उनके पीएफ व अन्य फंडों से कांटने की योजना बनाई। मामले की गंभरीता को देखते हुए इस संबंधी वर्ष 2016 से लेकर आज तक कोई भी एफआईआर एसजीपीसी ने दर्ज नहीं करवाई है। जबकि कानूनी तौर पर श्री गुरु ग्रंथ सहिब को शब्द व ज्योति स्वरूप गुरु माना जा चुका है। अगर श्री गुरु ग्रंथ साहिब का एक भी स्वरूप या फिर एक भी कोई पन्ना गायब हो जाता है तो उसकी कानून के अनुसार एफआईआर दर्ज करवानी बनती है। परंतु एसजीपीसी ने सारे मामले को वर्ष 2016 से इस मामले को संगत, पंथ और कानून से छुपा कर रखा। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के आदेशों पर सारा रिकार्ड एक अलमारी में सील करके एक बंद कमरे में रखा गया है । इस के बाहर टास्क फोर्स के कर्मचारी भी तैनात कर दिए गए है। एसजीपीसी ने अपने बचाव को मुख्य रख सारे मामले में जांच किसी रिटायर जज से या किसी बुद्धिजीवी से निष्पक्षता के साथ करवाने केा प्रस्ताव कार्यकारिणी कमेटी में पास कर दिया है। ताकि कहीं उस पर किसी तरह का कोई आरोप न लग जाए। बाक्स— दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके ने कहा कि 267 स्वरूप गायब होने का मामला अति संवेदनशील है। इस मामले में घटना वाले दिन ही एफआईआर दर्ज करवा देनी चाहिए थी। परंतु एसजीपीसी के तत्कालीन मौके के अधिकारियों ने इस बात को छुपा कर गंभीर कानूनी और धार्मिक अपराध किया है। इस के लिए उनको कभी भी माफ नही करना चाहिए। समय के अधिकारियों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए। इस के लिए वह पुलिस अधिकारियों के साथ संपर्क भी करेंगे। बाक्स— नव गठित शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखदेव सिंह ढींडसा ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप गायब होने का मामला गंभीर है। पहले इस मामले में एफआईआर दोषियों के खिलाफ दर्ज होनी चाहिए। इसके बाद ही जांच शुरू होनी चाहिए। जत्थेदार अकाल तख्त साहिब को चाहिए कि मामले की जांच सिटिंग जज से करवाई जाए। ताकि जांच में किसी भी तरह की हेराफेरी व पक्षपात की संभावना न रह जाए। बाक्स— पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव व प्रवक्ता मंदीप सिंह मन्ना ने कहा तकि बरगाडी में तो दो स्वरूपों के मामले के कारण सारे पंजाब में आंदोलन शुरू हो गया था। परंतु यह तो 267 स्वरूपों का मामला है। इस में को काई भी बख्शा नही जाना चाहिए। उस वक्त के पुलिस अधिकारियों की अनगेहली की भी जांच होनी चाहिए। यहां तक के जिस कंवजीत सिंह ने इस मामले का खुलासा अपनी रिटायरमेंट के बाद किया है मामला उस पर भी बनता है। उसको अगर पुलिस इनवेस्टीगेशन में शामिल किया जाए तो सारी स्थिति स्पष्ट हो सकती। सच सामने आने में देरी नही होगी। वहीं मामले की जांच सिटिंग जज से होनी चाहिए। बाक्स— दमदमी टकसाल अजनाला के मुखी बाबा अमरीक सिंह अजनाला ने कहा कि पुलिस एफआईर दर्ज करके ही मामले की जांच शुरू की जाए। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह इस की जांच कितनी निष्पक्षता से करवा पाते है अपने उनके उपर ही निर्भर है।
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