बुधवार, 11 नवंबर 2020

जिला रोजगार कार्यालय कोविड— 19 के दौरान बना है बेरोजबार युवाओं के लिए आशा की किरण

पंकज शर्मा , अमृतसर

कोरोना—19 के बढने वाले प्रभाव को रोकने के लिए लागू लाक डाउन के कारण बहुत सारे लोगों का रोजगार काफी स्तर पर प्रभावित हुआ है।  वायरस  के प्रभाव को  रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों के लाखों लोग रोजगार छिन जाने के कारण वापस चले गए । अब  सरकार ने धीरे-धीरे छूट देनी शुरू कर दी है। जिंदगी कोरोना के प्रति दिन बढ रहे रोगियों की संख्या के बावजूद धीरे धीरे पटरी पर आनी शुरू हो गई है।  उद्योगों को सही से चलाने के लिए वर्करों की कमी जरूर है। परंतु अभी भी पूरी तरह कुश्ल वर्कर नहीं मिल पा रहे है।
लेबर की कमी को दूर करने के लिए जिला रोजगार विभाग की ओर से अलग अलग विभागों के साथ मिल कर वर्करों की कमी को पूरा करने के लिए अभियान चलाया हुआ है।
अलग अलग प्राईवेट संस्थान जिला रोजगार ब्योरो के पास अपने वर्करों की डिमांड को भेज रही है। जिसे पूरा करने में रोजगार विभाग अपने तौर पर यत्न कर रहा है।
हर रोज विभाग से 20 से 40 लोगों की डिमांड आ रही है। जिस को पूरा करने के लिए विभाग की ओर से डिमांड के अनुसार योग्यता रखने वालों को निजी फर्मों व कंपनी के पास इंटर व्यू आदि के लिए भेज रहा है।
पिछले तीन माह के दोरान जिला रोजगार ब्यूरो के पास 28 के करीब संस्थानों ने  900 मुलाजिमों की डिमांड भेजी है। सामान्य दिनों में 3 से 5 की डिमांड ही आती थी। कई कई दिन कोई भी डिमान नही आती थी।   पिछले तीन महीने में  विभाग ने 400 युवाओं को अलग अलग फर्मों के लिए इंटर व्यू के लिए भेजा। 2000 के करीब युवओं को स्वै रोजगार शुरू करने के लिए सरकारी पोर्टल पर दर्ज करवाया है। अलग अलग विभागो से उनको डिमांड के अनुसार सवैरोजगार शुरू करने के लिए सहायता करते हुए 300 से अधिक युवाओं को लोन की व्यवथा भी करे दी गई है।
कितने युवाओं को स्वरोजगार में मदद की, कितने युवाओं को ऋण उपलब्ध करवाया।
अमृतसर जिले में 15600 के करीब अलग अलग योग्यताओं वाले बेरोजगार युवा पंजीकृत है। सरकार की ओर से बेरोजगारी भत्ता लेने वालों के लिए शर्ते काफी सख्त व पेचीदा रखी हुई है जिस के चलते जिले में मात्र 10 से 12 युवा ही बेरोजगार भत्ता ले रहे है। आम तौर पर हर माह 150 से 200 युवा विभाग में अपने नाम बेरोजगारों के रूप में पंजीकृत करवाते है। पिछले तीन माह में 300 के करीब युवाओं ने अपने नाम पंजीकृत करवाए है। जिले में मेट्रिक तक पास बेरोजगार 50 प्रतिशत के करीब है जब कि ग्रेजुएट 30 प्रतिशत और पोस्टग्रेजुएट 8  प्रतिशत और तकनीकी रूप में स्किलड 12 प्रतिशत युवा पंजीकृत है।
बाक्स—
जिला रोजगार अफसर जसवंत राय कहते है कि लाक डाउन के दौरान काफी प्रईवेट कंपनियों ने तकनीकी रूप में योग्य वर्करों की डिमाड उनके पास रखी है। उनकी जरूरत के अनुसार युवाओं को इंटरव्यू के लिए भेजा गया है। बहुत से युवा विभाग के पास अपना कारोबार शुरू करने के लिए आ रहे है। जिन को लोक की व्यवस्था भी विभाग करवा कर देता है। जिन युवाओं को अपना काम शुरू करने के लिए किसी तकनीकी जानकारी की जरूरत होती है वह भी विभाग उपलब्ध करवा रहा है।

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