शनिवार, 15 जून 2013

नानक शाही केलैंडर में भी संशोधन के लिए अभी है स्थान : ज्ञानी गुरबचन सिंह
- पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्षक  को नहीं किया जाएगा श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब
- दिल्ली में बन रही यादगार का विरोध करने पर दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सरना किये जाते सकते के अकाल तख्त पर तलब
- एसजीपीसी के परिवारिक सदस्यों की स्क्रीनिंग के लिए श्री अकाल तख्त साहिब जल्दी जारे करेगा आदेश
- यादगारें बनाने से पहले दिल्ली कमेटी और एसजीपीसी ने नहीं किया श्री अकाल तख्त साहिब के मशविरा
 अमृतसर , 13 जून:
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने कहा कि सिखों की अलग पहचान का प्रतीक नानक शाही कलैंडर में और भी संशोधन हो सकते है। परंतु अभी तक अन्य और संशोधन करने के लिए किसी भी धार्मिक, राजनीतिक और समाजिक संगठन ने भी उनके साथ संपर्क नहीं किया है। मूल नानक शाही कलैंडर को पहले भी सिखों का बड़ा हिस्सा मानने के लिए तैयार नहीं था अभी भी हालात वैसे ही है। अगर पहले ही सभी ग्रुप आपसी सहमति करके कलैंडर को लागू करते तो आज दुविधा  वाले हालात न बनते। ज्ञानी गुरबचन सिह गुरुवार को मीडिया के साथ बातचीत कर रहे थे।
जत्थेदार अकाल तख्त साहिब ने कहा कि पाकिस्तान में एसजीपीसी की ओर से श्री गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी पर्व मनाने के समय पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के साथ पैदा हुआ  विवाद मंदभागा है। श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से पहले भी एलान किया गया था कि वर्ष 2010 में संशोधित किये गए कलैंडर में और भी संशोधन की गुंजाईश है। परंतु इस के लिए पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों ने भी कोई संपर्क नहीं किया और न ही कोई सुझाव भेजा गया था। इस में पाकिस्तानी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष को श्री अकाल तख्त पर तलब किये जाने की अभी कोई भी योजना नहीं है।
ज्ञानी गुरबचन सिंह ने कहा कि वर्ष 1984 के अप्रेशन ब्लू स्टार और नवंबर 1984 के दिल्ली कत्लेआम दौरान मारे गए सिखों की निर्माण की जा रही यादगारों के संबध्ंा में एसजीपीसी और दिल्ली गुुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के श्री अकाल तख्त साहिब के साथ कोई विचार चर्चा नहीं की थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली के गुरुद्वारा रकाब गंज के पास दिल्ली में मारे गए सिखों की याद में यादगार बनाया जाना कोई गलत नहीं है और न  ही यह यादगार श्री गुरुतेग बहादुर साहिब की यादगार की बराबरता है। उन्होंने कहा कि सिख कौम के साथ कोई भी यादगार बनाने जाने संबंधी श्री अकाल तख्त साहिब और पांच सिंह साहिबान से सलाह मशविरा किया जाना जरूरी है। वहीं पांच सिंह साहिबान ने इस की मंजूरी भी ली जानी जरूरी है। परंतु ऐसा नहीं किया गया। तभी नए नए विवाद उठ रहे है अगर पहले ही मंजूरी ली होती तो कौम एक मत होती और विवाद भी पैदा न होता। उन्होंने कहा कि दिल्ली में यादगार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना को पांच सिंह साहिबान की 17 जून को होने वाली बैठक में तलब किये जाने की कार्रवाई भी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी अपने सदस्यों की स्क्रीनिंग कर रही है। अब एसजीपीसी के सदस्यों के परिवारिक मैंबरों की स्क्रीनिंग के लिए भी श्री अकाल तख्त साहिब जल्दी ही कोई आदेश जारी कर सकता है।
- पंकज शर्मा

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