शनिवार, 15 जून 2013

अखंड कीर्तन जत्थे के मुखी बलदेव सिंह से लिया एसजीपीसी ने धर्म प्रचार का काम वापिस
- बलदेव सिंह को दिया स्टाफ और गाडिय़ां भी ली वापिस
- बलदेव सिंह को भाई गुरदास हाल में दिया कार्यालय भी किया बंद
- एसजीपीसी ने अखंड कीर्तनी जत्थे के साथ शुरू कर लिया एक नया विवाद

अमृतसर, 11 मई :
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और अखंड कीर्तनी जत्था के मध्य सोमवार को उस समय विवाद गहरा गया जब एसजीपीसी ने अखंड कीर्तनी जत्था के मुखी बालदेव सिंह की ओर से किये जा रहे सिखी प्रचार के दौरान उनकों दी जा रही सभी सुविधाएं वापिस ले ली। बलदेव सिंह के प्रचार अभियान के दौरान चल रही दो गाडिय़ों को वापिस बुला लिया गया और एसजीपीसी की ओर से बलदेव सिंह को भाई गुरदास हाल में दिया गया कार्यलय भी बंद कर दिया गया है। प्रचार के दौरान बलदेव सिंह को दिये जाते दो हजार सिरोपों की संख्या को भी घटा कर 500  कर दी गई है। यहां तक के बलदेव सिंह के साथ प्रचार के लिए तैनात किये गए एसजीपीसी कर्मचारियों को भी वापिस बुला लिया गया है। पहले ही हरिमंदिर साहिब परिसर में बनाई गई अप्रेशन ब्लू स्टार की शहीदी यादगार को लेकर एसजीपीसी विवाद में उलझी हुई है। वहीं अखंड कीर्तनी जत्थे के साथ धर्म प्रचार के मामले में हस्तक्षेप करके एसजीपीसी ने एक नया विवाद पैदा कर लिया है।
बलदेव सिंह से सिख धर्म प्रचार की गतिविधियों को वापिस लेने को लेकर सोमवार एसजीपीसी परिसर में खासी चर्चा रही। एसजीपीसी के विभिन्न सचिव इस मुद्दे पर बलदेव सिंह के खिलाफ अलग अलग बाते कहते रहे। सभी का एक ही जवाब था कि यह सब कुछ एसजीपीसी के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ के आदेशों पर ही हुआ है। इस संबंध में जब मक्कड़  के पीए मंजीत सिंह के साथ संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उनके पास कोई भी ऐसी सूचना नहीं है कि भाई बलदेव सिंह से सिख धर्म प्रचार का काम वापिस लिया जा रहा है। जबकि एसजीपीसी के ही एक सचिव ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बलदेव सिंह पर आरोप है कि वह सिख धर्म का प्रचार कम और कुछ लोगों के लिए वोट बैंक पक्का करने का काम अधिक कर रहे है। जिस कारण एसजीपीसी के उच्च पदाधिकारियों ने यह फैसला लिया है।
इस मामले में भाई बलदेव सिंह कहते है कि उनके साथ धर्म प्रचार के लिए लगाई गई दो गाडिय़ों और स्टाफ को एसजीपीसी के एक धर्म प्रचार के सचिव सतिबीर सिंह के आदेशों पर वापिस लिया गया है। उनके साथ पिछले काफी समय से सही व्यवहार नहीं किया जा रहा था। उनके धर्म प्रचार के कामों में रूकावटें खड़ी की जा रही थी। प्रचार के काम पर हो रहे खर्च को भी रोका जा रहा था। उनके साथ एक ऐसे व्यक्ति की ड्यूटी लगा दी गई थी जिस ने खुद हल्फिया ब्यान देकर भारत सरकार से मदद की मांग करते हुए कहा था कि उसने हरिमंदिर साहिब के उपर हुए अप्रेशन ब्लू स्टार के दौरान भारतीय सैनिकों की सहायता की थी। उल्लेखनीय है कि भाई बलदेव सिंह के सिख संघर्ष के दौरान उच्च स्तर के नेताओं के साथ काफी बढिय़ा संबंध रहे थे। जब अकाली दल ने गर्म विचार धारा के लोगों को अपने साथ जोडऩा शुरूा किया था तो उस समय बलदेव सिंह अखंड कीर्तनी जत्था को भी धर्म प्रचार करने का काम एसजीपीसी ने सौंपा था।
- पंकज शर्मा

कोई टिप्पणी नहीं: