शनिवार, 15 जून 2013

वरिष्ठ वामपंथी नेता कामरेड सतपाल डांग नही रहे

 अमृतसर , 15 जून:
बजुर्ग वामपंथी नेता व भाकपा की राष्ट्रीय कौंसिल के सदस्य  पूर्व विधायक व पंजाब के पूर्व मंत्री कामरेड़ सतपाल डांग की शनिवार देर शाम लम्बी बीमारी के बाद अचानक मौत हो गई। कामरेड डांग 93 वर्ष के थे। कामरेड डांग का जन्म वर्ष 1920 में लाहौर के शेखुपुर में हुआ था। कामरेंड डांग की पत्नी विमला डांग भी भाकपा की विधायक रह चुकी थी उनकी मौत वर्ष 2009 में हुई थी।
डांग दम्पति भाकपा की राजनीति के लिए जीवन भार समर्पित रहे। उन्होंने फैसला लिया था कि वह पार्टी की लिए ही काम करते हुए अंतिम सांस लेंगे इसी लिए उन्होंने कोई भी बच्चा पैदा न करने का फैसला लिया था। कामरेड डांग की मौत की खबर सुनते ही कई स्थानीय और राज्य स्तरीय नेता शोक प्रगट करने के लिए छेहरटा पहुंए गए। रविवार दो बजे नरायाणगढ़ शमशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किय जाएगा। इस अंतिम रस्म के कार्यक्रम को का डांग के भतीजे अनिल डांग की ओर से संपन्न किया जाएगा।
कामरेड सतपाल डांग व जन नेता थे जिन्होंने वर्ष 1998 में पदम विभुषण पुुरूस्कार को वापिस लौट दिया था। उनका कहना था कि सरकार की ओर से इस अवार्ड को गलत उपोग करके उन लोगों को देना शुरू कर दिया है जिन्होंने आम जनता के लिए कुछ भी नहीं किया। का डांग को पदम श्री आवार्ड भी दिया गया। डांग दम्पति ने पंजाब के आंतकवाद के दौर में खुल कर आतंकवादियों का विरोध किया जिस कारण वह हमेशा ही खालिस्तानी दहशतगर्दों की नजर में खटकते रहते थे। कामरेड़ डांग ने अपना राजनीतिक जीवन विद्यार्थी नेता के रूप में आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के नेता के रूप में शुरू किया और बाद में ट्रेड यूनियन एटक के फ्रंट पर काम करने लगे। उन्होंने पंजाब के छेहरटा एरिया को अपना कर्म क्षेत्र चुनते हुए वाम पंथी लहर को मजबूत बनाने में अपना जीवन अर्पित कर दिया। सतपाल डांग का विवाह विमला डांग के साथ वर्ष 1952 में मुबई में हुआ। अंग्रेजी राज के दौरान आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने के कारण डांग दम्पति ने लम्मा समय अंडरग्राउंड जीवन निर्भाह किया। वह पंजाब ही नहीं भारत भर में वाम आंदोलन के प्रसिद्ध नेता बन गए। वर्ष 1967 में उन्होंने गुरमुख सिंह मुसाफ को हरा कर विधान सभा में पैर रखा उनको केबिनेट मंत्री पंजाब का बनाया गया। वर्ष 1980 में उन्होंने दोबारा विधान सभा की छेटरटा सीट पर विजय हासिल की और कांग्रेसी नेता सेवा राम को हराया।  कामरेड डांग की अचानक मौत पर वाम पंथी लहर के विभिन्न नेताओं ने गहरा दुख प्रगट किया और वाम लहर को एक न पूरा होने वाला घाटा बताया है।
- पंकज शर्मा

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