नानक शाही कैलेंडर विवाद ने बाहर नहीं निकल पा रही है सिख कौम
- रविवार को भी बहुत सारी सिख संस्थानों ने आयोजित किया गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी पर्व
- गरुनगरी में कई जगहों पर लगाए गए लंगर और शबीलें
- कई गुरुद्वारा साहिबों में भी आयोजित किया गया शहीदी पर्व
- जत्थेदान नंदगढ़ ने कहा था कि 16 जून को ही बनता है गुरु साहिब का शहीदी पर्व
अमृतसर , 16 जून:
नानक शाही मूल और नानक शाही संशोधित केलेंडर को लेकर सिख कौम में विवाद थमने का नाम नहंी ले रहा है। नानक शाही कैलेंडर में सिख कौम को धार्मिक रूप में दो भागों में विभाजित कर दिया है। इस का परिणाम श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी पर्व को लेकर देखने को मिला। एसजीपीसी और श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से संशोधित नानकशाही कैलेंडर के अनुसार दिन त्योहार मनाने के आदेश दिये हुए है। परंतु सिख कौम का बड़ा हिस्सा जिस में संत समाज भी है मूल नानक शाही कैलेंडर को सही मानता है इस लिए मूल कैलेंडर के अनुसार रविवार 16 जून को बहुत सारी सिख संस्थाओं ने शहीदी दिवस का आयोजन करके शबील और लंगर लगाए । जबकि एसजीपीसी ने 12 जून को शहीदी पर्व आयोजित किया था। इसी तरह पाकिस्तान जाकर शहीदी पर्व आयोजित करने गए सिखों के जत्थे को भी वहा परेशानियां सहन करनी पड़ी क्यों कि पाकिस्तानी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष शाम सिंह ने 16 जून को नानक शाही मूल कैलेंडर के अनुसार शहीदी पर्व आयोजित करने की घोषणा की थी। दो दिन पहले सिंह साहिबान ज्ञानी बलवंत सिंह ने भी एलान किया था कि गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी पर्व 16 जून को आयोजित करना ही सही बनता है। इस से भी सिख कौम में काफी उलझन पैदा हो गई थी। जबकि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार और एसजीपीसी के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ ने एलान किया था कि शहीदी दिवस 12 जून को आयोजित किया जाए।
रविवार को भी शहर में विभिन्न जगहों पर शहीदी पर्व को मुख्य रख शबीलों केा आयोजन किया गया लंगर लगाए गए और कुछ गुरुद्वारा साहिबों में शहीदी पर्व भी आयोजित किया गया। पांच सिंह सहिबान की होने वाली आज की बैठक में नानक शाही मूल और नानक शाही संशोधित कैलेंडर को लेकर भी विचार चर्चा होने वाली है। अब देखना यह है कि सिंह सहिबान इस मुद्दे पर क्या सार्थक फैसला लेकर कौम को दिशा देते है।
- पंकज शर्मा
- रविवार को भी बहुत सारी सिख संस्थानों ने आयोजित किया गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी पर्व
- गरुनगरी में कई जगहों पर लगाए गए लंगर और शबीलें
- कई गुरुद्वारा साहिबों में भी आयोजित किया गया शहीदी पर्व
- जत्थेदान नंदगढ़ ने कहा था कि 16 जून को ही बनता है गुरु साहिब का शहीदी पर्व
अमृतसर , 16 जून:
नानक शाही मूल और नानक शाही संशोधित केलेंडर को लेकर सिख कौम में विवाद थमने का नाम नहंी ले रहा है। नानक शाही कैलेंडर में सिख कौम को धार्मिक रूप में दो भागों में विभाजित कर दिया है। इस का परिणाम श्री गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी पर्व को लेकर देखने को मिला। एसजीपीसी और श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से संशोधित नानकशाही कैलेंडर के अनुसार दिन त्योहार मनाने के आदेश दिये हुए है। परंतु सिख कौम का बड़ा हिस्सा जिस में संत समाज भी है मूल नानक शाही कैलेंडर को सही मानता है इस लिए मूल कैलेंडर के अनुसार रविवार 16 जून को बहुत सारी सिख संस्थाओं ने शहीदी दिवस का आयोजन करके शबील और लंगर लगाए । जबकि एसजीपीसी ने 12 जून को शहीदी पर्व आयोजित किया था। इसी तरह पाकिस्तान जाकर शहीदी पर्व आयोजित करने गए सिखों के जत्थे को भी वहा परेशानियां सहन करनी पड़ी क्यों कि पाकिस्तानी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष शाम सिंह ने 16 जून को नानक शाही मूल कैलेंडर के अनुसार शहीदी पर्व आयोजित करने की घोषणा की थी। दो दिन पहले सिंह साहिबान ज्ञानी बलवंत सिंह ने भी एलान किया था कि गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी पर्व 16 जून को आयोजित करना ही सही बनता है। इस से भी सिख कौम में काफी उलझन पैदा हो गई थी। जबकि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार और एसजीपीसी के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ ने एलान किया था कि शहीदी दिवस 12 जून को आयोजित किया जाए।
रविवार को भी शहर में विभिन्न जगहों पर शहीदी पर्व को मुख्य रख शबीलों केा आयोजन किया गया लंगर लगाए गए और कुछ गुरुद्वारा साहिबों में शहीदी पर्व भी आयोजित किया गया। पांच सिंह सहिबान की होने वाली आज की बैठक में नानक शाही मूल और नानक शाही संशोधित कैलेंडर को लेकर भी विचार चर्चा होने वाली है। अब देखना यह है कि सिंह सहिबान इस मुद्दे पर क्या सार्थक फैसला लेकर कौम को दिशा देते है।
- पंकज शर्मा
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