इंकलाबी नारो के साथ कामरेड सतपाल डांग को दी हजारों नम आखों ने अंतिम विदाई
- हजारों लोग हुए कामरेड डांग की आंतिम यात्रा में शामिल
- दबे कुचले व मेहतनक लोगोंं की हकों की आवाज कामरेड डांग हुए पंचतत्व में वलीन
अमृतसर , 16 जून:
वामपंथी लहर के महान योद्धा, दबे कुचले व मेहनतकश लोगों की आवाज और पंजाब के कम्युनिस्ट आंदोलन की महान शखसीयत कामरेड सतपाल डांग इंकलाबी श्रद्धांजलियों तथा 21 बंदूकों की गोलियों की सलामी के दौरान पंचतत्वों में वलीन हो गए। रविवार पंजाब भर से आए हजारों लोगों ने नम आंखों से साथ कामरेड डांग को श्रद्धासुमन अर्पित किये। कामरेड़ डांग तैनू लाल सलाम. . . . . . . , कामरेड डांग तेरी सोच ते पेहरा देवांगे ठोक को. . . . . डांग तेरी सोच नू लाल सलाम. . . आदि आकाश गुजाउ नारों के दौरान डांग के भतीजे अनिल डांग की ओर से मुखाग्रि दी गई। साथी डांग की शोक में छेटरटा निवासियों ने रविवार को अपनी दुकानें और कारोबार बंद रख उनके श्रद्धसुमन भेंट किये और उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
शनिवार देर शाम कामरेड सतपाल डांग लम्बी बीमारी के बाद इस दुनिया को अलविदा कह गए थे। बाद दोपहर करीब 12 बजे उनका शरीर श्रद्धासुमन भेंट करने के लिए भाकपा के छेहरटा स्थित कार्यालय एकता भवन में रखा गया। पंजाब भर से आए वामपंथी नेताओं और अलग अलग राजनीतिक दलों के नेताओं ने कामरेड डांग को श्रद्धांलजि भेंट की। करीब दो बजे कामरेड डांग का पार्थिव शरीर लाल रंग के झंडों से सजाई गई एक बड़ी गाडी में रख कर एकता भवन से चार किलोमीटर दूर नारायणगढ़ स्थित शिव पुरा में लेजाया गया। उनकी अंतिम यात्रा के दौरान काफिले के साथ हजारों शामिल लोगों के चेहरों पर उनके महबूब नेता कामरेड डांग के दुनिया छोड़ जाने का दुख स्पष्ट झलकता दिखाई दे रहा था। कामरेड डांग की अंतिम यात्रा के समय शांमिल जन समूह का डांग के साथ प्यार इस बात से स्पष्ट होता है कि यात्रा में शामिल पहले लोगों की लाईन यहां नायारणगढ़ शिवपुरी में पहुंच चुकी थी वही अंतिम लाईन अभी छेहटरा स्थित एकता भवन में ही थी। युवा वामपंथी लडक़े लड़कियों की लाल ड्रेस पहनी ब्रिगेड ने यहां झंडों के साथ कामरेड डांग को श्रद्धांजलि दी वहीं जिला प्रशासन की ओर से एडीसी जसबीर सिंह, एसडीएम एमएस कंग, विभिन्न पुलिस अधिकारियों और पंजाब पुलिस की टुकड़ी ने सरकारी सम्मानों के साथ स्लामी दी।
कामरेड डांग के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय सचिव अमरजीत कौर, कामरेड़ डांग के भाई के परिवार के सदस्य, भाकपा नेता जगरूप सिंह, बंत बराड़, कामरेड जतिंदर पन्नू, सीपीएम पंजाब के मंगत राम पासला, सीपीआईएम के विजय मिश्रा, डा. बलविंदर सिंह, जगतार सिंह कर्मपुरा, अमरजीत सिंह आसल, बलविंदर सिंह दुधाला, अकाली दल 1920 के रघुबीर सिंह राजासांसी, दलजीत सिंह संधू, बसपा के रविंदर हंसा, कामरेड तरसेम भोला, ताराचंद, जुगल महाजन, सतपाल पाखोके, प्रीतम सिंह , पूर्व विधायक हरेदव अर्शी, हरभजन सिंह, पृथ्वीपाल सिंह माडीमेघा, पूनम, जगदीश चाहल, पूर्व विधायक हरजिंदर सिंह ठेकेदार, जिला कांग्रेस के अध्यक्ष व पूर्व विधायक जुगल किशोर शर्मा, एससी एसटी कमिशन के उप चेयरमैन व विधायक डा. राज कुमार, गुलजार सिंह, नेशनल स्टूडेंट्स फेडरेशन के बलजिंदर सिंह बिंद, राजबीर सिंह राजविंदर, बलकार सिंह वल्टोहा, नरिंदर कौर सोहल, कश्मीर सिंह गदईया, रणधीर सिंह गिल, कामरेड भिट्टेवड्ड, सीनियर डिप्टी मेयर अवतार सिंह, पार्षद राज कुमार, कामरेड विजय कुमार आदि हजारों लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
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एक मिसाली कामरेड़ व वाम लहर को समर्पित लोक नायक थे कामरेड डांग
वाम आंदोलन के वरिष्ठ नेता कामरेड डांग एक मिसाली कामरेड व वाम लहर को पूर्ण रूप में समर्पित लोक नायक थे। वह आम तौर पर साईकल पर ही अपने विधान सभा क्षेत्र और इलाके में वर्करों को संगठित करते घुमा करते थे। जिस कार सभी उनको अपना नेता और परिवार ही सदस्य समझते थे।
कामरेड डांग 93 वर्ष के थे। कामरेड डांग का जन्म वर्ष 1920 में लाहौर के शेखुपुर में हुआ था। कामरेंड डांग की पत्नी विमला डांग भी भाकपा की विधायक रह चुकी थी उनकी मौत वर्ष 2009 में हुई थी।
डांग दम्पति भाकपा की राजनीति के लिए जीवन भार समर्पित रहे। उन्होंने फैसला लिया था कि वह पार्टी की लिए ही काम करते हुए अंतिम सांस लेंगे इसी लिए उन्होंने कोई भी बच्चा पैदा न करने का फैसला लिया था। कामरेड डांग की मौत की खबर सुनते ही कई स्थानीय और राज्य स्तरीय नेता शोक प्रगट करने के लिए छेहरटा पहुंए गए। रविवार दो बजे नरायाणगढ़ शमशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किय जाएगा। इस अंतिम रस्म के कार्यक्रम को का डांग के भतीजे अनिल डांग की ओर से संपन्न किया जाएगा।
कामरेड सतपाल डांग व जन नेता थे जिन्होंने वर्ष 1998 में पदम विभुषण पुुरूस्कार को वापिस लौट दिया था। उनका कहना था कि सरकार की ओर से इस अवार्ड को गलत उपोग करके उन लोगों को देना शुरू कर दिया है जिन्होंने आम जनता के लिए कुछ भी नहीं किया। का डांग को पदम श्री आवार्ड भी दिया गया। डांग दम्पति ने पंजाब के आंतकवाद के दौर में खुल कर आतंकवादियों का विरोध किया जिस कारण वह हमेशा ही खालिस्तानी दहशतगर्दों की नजर में खटकते रहते थे। कामरेड़ डांग ने अपना राजनीतिक जीवन विद्यार्थी नेता के रूप में आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के नेता के रूप में शुरू किया और बाद में ट्रेड यूनियन एटक के फ्रंट पर काम करने लगे। उन्होंने पंजाब के छेहरटा एरिया को अपना कर्म क्षेत्र चुनते हुए वाम पंथी लहर को मजबूत बनाने में अपना जीवन अर्पित कर दिया। सतपाल डांग का विवाह विमला डांग के साथ वर्ष 1952 में मुबई में हुआ। अंग्रेजी राज के दौरान आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने के कारण डांग दम्पति ने लम्मा समय अंडरग्राउंड जीवन निर्भाह किया। वह पंजाब ही नहीं भारत भर में वाम आंदोलन के प्रसिद्ध नेता बन गए। वर्ष 1967 में उन्होंने गुरमुख सिंह मुसाफ को हरा कर विधान सभा में पैर रखा उनको केबिनेट मंत्री पंजाब का बनाया गया। वर्ष 1980 में उन्होंने दोबारा विधान सभा की छेटरटा सीट पर विजय हासिल की और कांग्रेसी नेता सेवा राम को हराया।
- पंकज शर्मा
- हजारों लोग हुए कामरेड डांग की आंतिम यात्रा में शामिल
- दबे कुचले व मेहतनक लोगोंं की हकों की आवाज कामरेड डांग हुए पंचतत्व में वलीन
अमृतसर , 16 जून:
वामपंथी लहर के महान योद्धा, दबे कुचले व मेहनतकश लोगों की आवाज और पंजाब के कम्युनिस्ट आंदोलन की महान शखसीयत कामरेड सतपाल डांग इंकलाबी श्रद्धांजलियों तथा 21 बंदूकों की गोलियों की सलामी के दौरान पंचतत्वों में वलीन हो गए। रविवार पंजाब भर से आए हजारों लोगों ने नम आंखों से साथ कामरेड डांग को श्रद्धासुमन अर्पित किये। कामरेड़ डांग तैनू लाल सलाम. . . . . . . , कामरेड डांग तेरी सोच ते पेहरा देवांगे ठोक को. . . . . डांग तेरी सोच नू लाल सलाम. . . आदि आकाश गुजाउ नारों के दौरान डांग के भतीजे अनिल डांग की ओर से मुखाग्रि दी गई। साथी डांग की शोक में छेटरटा निवासियों ने रविवार को अपनी दुकानें और कारोबार बंद रख उनके श्रद्धसुमन भेंट किये और उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
शनिवार देर शाम कामरेड सतपाल डांग लम्बी बीमारी के बाद इस दुनिया को अलविदा कह गए थे। बाद दोपहर करीब 12 बजे उनका शरीर श्रद्धासुमन भेंट करने के लिए भाकपा के छेहरटा स्थित कार्यालय एकता भवन में रखा गया। पंजाब भर से आए वामपंथी नेताओं और अलग अलग राजनीतिक दलों के नेताओं ने कामरेड डांग को श्रद्धांलजि भेंट की। करीब दो बजे कामरेड डांग का पार्थिव शरीर लाल रंग के झंडों से सजाई गई एक बड़ी गाडी में रख कर एकता भवन से चार किलोमीटर दूर नारायणगढ़ स्थित शिव पुरा में लेजाया गया। उनकी अंतिम यात्रा के दौरान काफिले के साथ हजारों शामिल लोगों के चेहरों पर उनके महबूब नेता कामरेड डांग के दुनिया छोड़ जाने का दुख स्पष्ट झलकता दिखाई दे रहा था। कामरेड डांग की अंतिम यात्रा के समय शांमिल जन समूह का डांग के साथ प्यार इस बात से स्पष्ट होता है कि यात्रा में शामिल पहले लोगों की लाईन यहां नायारणगढ़ शिवपुरी में पहुंच चुकी थी वही अंतिम लाईन अभी छेहटरा स्थित एकता भवन में ही थी। युवा वामपंथी लडक़े लड़कियों की लाल ड्रेस पहनी ब्रिगेड ने यहां झंडों के साथ कामरेड डांग को श्रद्धांजलि दी वहीं जिला प्रशासन की ओर से एडीसी जसबीर सिंह, एसडीएम एमएस कंग, विभिन्न पुलिस अधिकारियों और पंजाब पुलिस की टुकड़ी ने सरकारी सम्मानों के साथ स्लामी दी।
कामरेड डांग के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय सचिव अमरजीत कौर, कामरेड़ डांग के भाई के परिवार के सदस्य, भाकपा नेता जगरूप सिंह, बंत बराड़, कामरेड जतिंदर पन्नू, सीपीएम पंजाब के मंगत राम पासला, सीपीआईएम के विजय मिश्रा, डा. बलविंदर सिंह, जगतार सिंह कर्मपुरा, अमरजीत सिंह आसल, बलविंदर सिंह दुधाला, अकाली दल 1920 के रघुबीर सिंह राजासांसी, दलजीत सिंह संधू, बसपा के रविंदर हंसा, कामरेड तरसेम भोला, ताराचंद, जुगल महाजन, सतपाल पाखोके, प्रीतम सिंह , पूर्व विधायक हरेदव अर्शी, हरभजन सिंह, पृथ्वीपाल सिंह माडीमेघा, पूनम, जगदीश चाहल, पूर्व विधायक हरजिंदर सिंह ठेकेदार, जिला कांग्रेस के अध्यक्ष व पूर्व विधायक जुगल किशोर शर्मा, एससी एसटी कमिशन के उप चेयरमैन व विधायक डा. राज कुमार, गुलजार सिंह, नेशनल स्टूडेंट्स फेडरेशन के बलजिंदर सिंह बिंद, राजबीर सिंह राजविंदर, बलकार सिंह वल्टोहा, नरिंदर कौर सोहल, कश्मीर सिंह गदईया, रणधीर सिंह गिल, कामरेड भिट्टेवड्ड, सीनियर डिप्टी मेयर अवतार सिंह, पार्षद राज कुमार, कामरेड विजय कुमार आदि हजारों लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
---- बाक्स-------
एक मिसाली कामरेड़ व वाम लहर को समर्पित लोक नायक थे कामरेड डांग
वाम आंदोलन के वरिष्ठ नेता कामरेड डांग एक मिसाली कामरेड व वाम लहर को पूर्ण रूप में समर्पित लोक नायक थे। वह आम तौर पर साईकल पर ही अपने विधान सभा क्षेत्र और इलाके में वर्करों को संगठित करते घुमा करते थे। जिस कार सभी उनको अपना नेता और परिवार ही सदस्य समझते थे।
कामरेड डांग 93 वर्ष के थे। कामरेड डांग का जन्म वर्ष 1920 में लाहौर के शेखुपुर में हुआ था। कामरेंड डांग की पत्नी विमला डांग भी भाकपा की विधायक रह चुकी थी उनकी मौत वर्ष 2009 में हुई थी।
डांग दम्पति भाकपा की राजनीति के लिए जीवन भार समर्पित रहे। उन्होंने फैसला लिया था कि वह पार्टी की लिए ही काम करते हुए अंतिम सांस लेंगे इसी लिए उन्होंने कोई भी बच्चा पैदा न करने का फैसला लिया था। कामरेड डांग की मौत की खबर सुनते ही कई स्थानीय और राज्य स्तरीय नेता शोक प्रगट करने के लिए छेहरटा पहुंए गए। रविवार दो बजे नरायाणगढ़ शमशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किय जाएगा। इस अंतिम रस्म के कार्यक्रम को का डांग के भतीजे अनिल डांग की ओर से संपन्न किया जाएगा।
कामरेड सतपाल डांग व जन नेता थे जिन्होंने वर्ष 1998 में पदम विभुषण पुुरूस्कार को वापिस लौट दिया था। उनका कहना था कि सरकार की ओर से इस अवार्ड को गलत उपोग करके उन लोगों को देना शुरू कर दिया है जिन्होंने आम जनता के लिए कुछ भी नहीं किया। का डांग को पदम श्री आवार्ड भी दिया गया। डांग दम्पति ने पंजाब के आंतकवाद के दौर में खुल कर आतंकवादियों का विरोध किया जिस कारण वह हमेशा ही खालिस्तानी दहशतगर्दों की नजर में खटकते रहते थे। कामरेड़ डांग ने अपना राजनीतिक जीवन विद्यार्थी नेता के रूप में आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के नेता के रूप में शुरू किया और बाद में ट्रेड यूनियन एटक के फ्रंट पर काम करने लगे। उन्होंने पंजाब के छेहरटा एरिया को अपना कर्म क्षेत्र चुनते हुए वाम पंथी लहर को मजबूत बनाने में अपना जीवन अर्पित कर दिया। सतपाल डांग का विवाह विमला डांग के साथ वर्ष 1952 में मुबई में हुआ। अंग्रेजी राज के दौरान आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेने के कारण डांग दम्पति ने लम्मा समय अंडरग्राउंड जीवन निर्भाह किया। वह पंजाब ही नहीं भारत भर में वाम आंदोलन के प्रसिद्ध नेता बन गए। वर्ष 1967 में उन्होंने गुरमुख सिंह मुसाफ को हरा कर विधान सभा में पैर रखा उनको केबिनेट मंत्री पंजाब का बनाया गया। वर्ष 1980 में उन्होंने दोबारा विधान सभा की छेटरटा सीट पर विजय हासिल की और कांग्रेसी नेता सेवा राम को हराया।
- पंकज शर्मा
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