श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह की गद्दी को नहीं है अभी कोई खतरा
- बादल की मर्जी के अनुसार काम कर रहे ज्ञानी गुरबचन सिंह को सूलझाने होंगे सिख कौम के विभिन्न मामले
पंकज शर्मा
अमृतसर , 16 जून:
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को पदमुक्त करने की शुरू हुई चर्चा अभी निक्ट भविष्य में फलीभूल होती दिखाई नहीं दे रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल इस समय कोई भी ऐसा कदम उठाने कर कोई मुसीबत मोल नहीं लेना चाहेंगे जिस से उनकी सत्ता के लिए कोई चुनौती पैदा हो सके। पहले ही श्री हरिमंदिर साहिब में अप्रेशन ब्लू स्टार की यादगार को लेकर दमदमी टक्साल का बाबा धुम्मा के नेतृत्व वाला ग्रुप सरकार के खिलाफ हुआ है। दूसरी और दिल्ली में बनाई जा रही दिल्ली के मारे गए सिखों की यादगार को लेकर सिख कौम में विवाद है। वहीं संशोधित नानक शाही कैलेंडर को लेकर भी नए विवाद पैदा हो गय है। इस समय श्री अकाल तख्त साहिब के मौजूदा जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को भी बदाल एसजपीसी को गुप्त आदेश देकर हटाते है तो बादल के लिए सभी और से घिरने की मुश्किल पैदा हो सकती है। वहीं सोमवाकर को पांच सिंह साहिबान की बैठक भी हो रही है जिस के लिए दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष व बादल दल के विरोधी परमजीत सिंह सरना को तलब भी किया हुआ है। वहीं यादगार विवाद और कैलेडर विवाद भी बैठक में विचारा जाना है। वैसे भी ज्ञानी गुरबचन सिंह बादल की कुर्सी की आयु लम्बी बनाए रखने के लिए वह सब कुछ कर रहे है जो एसजीपीसी और आकली दल बादल का नेतृत्व चाहता है। इस लिए ज्ञानी गुरबचन सिंह की जत्थेदारी की कुर्सी को अभी कोई भी खतरा दिखाई नहीं देता है।
एसजीपीसी ने चाहे ज्ञानी गुरबचन सिंह के कार्यालय ओर घर में तैनात कई कर्मचारियों केा बदल दिया है। परंतु इसकी कहीं भी यह संभावना दिखाई नहीं दे रही है कि जत्थेदार को घर भेजने की तैयारी हो रही है। असल में एसजीपीसी चाहती है कि जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के आसपास ऐसे कर्मचारी तैनात किये गए जो सिर्फ और सिर्फ एमसजीपीसी के ही वफादर हो और एसजीपीसी तक हर सूचना पहुंचती रहे।
उल्लेखीनय है कि एसजीपीसी ने शनिवार देर शाम अकाल तख्त साहिब सचिवालय के दो कर्मियों का तुरंत प्रभाव से तबादला कर दिया गया। एसजीपीसी ने जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के निवास स्थान पर काम कर रहे सेवादारों को भी वापस मंगवा लिया था। जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के निजी सहायक इंद्र मोहन सिंह व इंचार्ज दफ्तर भूपिंदर सिंह सरपंच को अकाल तख्त साहिब के सचिवालय से हटाने के निर्देश दे दिए थे।ं। इससे पूर्व शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी जोगिंदर सिंह वेदांती के साथ बैठक थी की थी। बावजूद इसके कहीं भी यह सिद्ध होता दिखाई नहीं दे रहा है कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को पद से हटाने की कोई मुहिम चल रही है।
- बादल की मर्जी के अनुसार काम कर रहे ज्ञानी गुरबचन सिंह को सूलझाने होंगे सिख कौम के विभिन्न मामले
पंकज शर्मा
अमृतसर , 16 जून:
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को पदमुक्त करने की शुरू हुई चर्चा अभी निक्ट भविष्य में फलीभूल होती दिखाई नहीं दे रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल इस समय कोई भी ऐसा कदम उठाने कर कोई मुसीबत मोल नहीं लेना चाहेंगे जिस से उनकी सत्ता के लिए कोई चुनौती पैदा हो सके। पहले ही श्री हरिमंदिर साहिब में अप्रेशन ब्लू स्टार की यादगार को लेकर दमदमी टक्साल का बाबा धुम्मा के नेतृत्व वाला ग्रुप सरकार के खिलाफ हुआ है। दूसरी और दिल्ली में बनाई जा रही दिल्ली के मारे गए सिखों की यादगार को लेकर सिख कौम में विवाद है। वहीं संशोधित नानक शाही कैलेंडर को लेकर भी नए विवाद पैदा हो गय है। इस समय श्री अकाल तख्त साहिब के मौजूदा जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को भी बदाल एसजपीसी को गुप्त आदेश देकर हटाते है तो बादल के लिए सभी और से घिरने की मुश्किल पैदा हो सकती है। वहीं सोमवाकर को पांच सिंह साहिबान की बैठक भी हो रही है जिस के लिए दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष व बादल दल के विरोधी परमजीत सिंह सरना को तलब भी किया हुआ है। वहीं यादगार विवाद और कैलेडर विवाद भी बैठक में विचारा जाना है। वैसे भी ज्ञानी गुरबचन सिंह बादल की कुर्सी की आयु लम्बी बनाए रखने के लिए वह सब कुछ कर रहे है जो एसजीपीसी और आकली दल बादल का नेतृत्व चाहता है। इस लिए ज्ञानी गुरबचन सिंह की जत्थेदारी की कुर्सी को अभी कोई भी खतरा दिखाई नहीं देता है।
एसजीपीसी ने चाहे ज्ञानी गुरबचन सिंह के कार्यालय ओर घर में तैनात कई कर्मचारियों केा बदल दिया है। परंतु इसकी कहीं भी यह संभावना दिखाई नहीं दे रही है कि जत्थेदार को घर भेजने की तैयारी हो रही है। असल में एसजीपीसी चाहती है कि जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के आसपास ऐसे कर्मचारी तैनात किये गए जो सिर्फ और सिर्फ एमसजीपीसी के ही वफादर हो और एसजीपीसी तक हर सूचना पहुंचती रहे।
उल्लेखीनय है कि एसजीपीसी ने शनिवार देर शाम अकाल तख्त साहिब सचिवालय के दो कर्मियों का तुरंत प्रभाव से तबादला कर दिया गया। एसजीपीसी ने जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के निवास स्थान पर काम कर रहे सेवादारों को भी वापस मंगवा लिया था। जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के निजी सहायक इंद्र मोहन सिंह व इंचार्ज दफ्तर भूपिंदर सिंह सरपंच को अकाल तख्त साहिब के सचिवालय से हटाने के निर्देश दे दिए थे।ं। इससे पूर्व शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी जोगिंदर सिंह वेदांती के साथ बैठक थी की थी। बावजूद इसके कहीं भी यह सिद्ध होता दिखाई नहीं दे रहा है कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को पद से हटाने की कोई मुहिम चल रही है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें