मंगलवार, 28 मई 2013

--- मुद्दा हरिमंदिर साहिब में बनी यादगार का---
टकसाल के एक ग्रुप के मुखी राम सिंह अलग से बैठक बुला कर फंस गए रजनीति की अड़चन में  

अमृतसर, 27 मई:
श्री हरिमंदिर साहिब में स्थापित अप्रेशन ब्लू स्टार के दौरान मारे गए सिखों की याद में स्थापित शहीदी यादगार संबंधी एक बैठक का आयोजन करके दमदमी टकसाल के एक ग्रुप के मुखी राम सिंह राजनीतिक अडचन में फंस गए है। बाबा राम सिंह ने कहा कि जब से उनकी ओर से विभिन्न सिख संगठनों को लेकर एक बैठक का आयोजन किया है। तभी से उनके परिवार के साथ अजीबो गरीब घटनाएं घटित होनी शुरू हो गई है। उनके परिवारकि सदस्यों को लोगों ने गलत तरह की अफवाएं फोन आदि पर फैला कर परेशान करना शुरू कर दिया है। इस समय वह खुद और उनके परिवार के सदस्यों की जान को खतरा है।
राम सिंह स्वीकार किया कि बैठक के बाद से वह और उनके परिवार के सदस्य दहशत के महौल में दिन बिता रहे है। राम सिंह ने कहा कि वह सिख कौम में यादगार मुद्दे को लेकर पैदा हुए संकट को खत्म करने के लिए बैठक आयोजित करने के लिए विदेश से भारत पहुंचे थे। परंतु कुछ गलत लोगों ने उनके परिवार के सदस्यों को फोन करके डराना धमकान और परेशान करना शुरू कर दिया है। यही ही बस नहीं कुछ लोग को उनके परिवार के सदस्यों और विदेश में रह रही उसकी बेटी को भी फोन करके गलत बातें करके डरा रहे है। उन्होंने यह भी बताया कि जब वह गत दिन धर्म प्रचार के एक कार्यक्रम से वापिस लौट रहे थे तो कुछ लोगों ने उनका पीछा भी किया है।
उल्लेखनीय है कि दमदमी टकसाल के बाबा हरनाम सिंह धुम्मा के गु्रप की ओर से एसजीपीसी के आदेशों पर शहीदी यादगार का निर्माण किया था। यह यादगार में दमदमी टकसाल संत जरनैल सिंह भिंडरवाला और अन्य शहीदों की तस्वीरें लगाना चाहती थी। परंतु एसजीपीसी इस पर सहमत नहीं हुई। जिस कारण एसजीपीसी और दमदमी टकसाल के धुम्मा ग्रुप में टकराव जरूरत से अधिक बढ़ कर यह टकराव सिख कौम के राजनीतिक और धार्मिक पहलुओं को भी प्रभावित करने लग पड़ा। इसी के चलते कुछ लोगों ने बाबा राम सिंह की ऐंट्री इस विवाद में मीडिया के माध्यम से करवा दी और बाबा राम सिंह को धुम्मा ग्रुप के खिलाफ करके एसजीपीसी के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ और एसजीपीसी को इस विवाद से बचाने के लिए की। इस के चलते एसजीपीसी के अध्यक्ष और बाबा राम सिंह की मुलाकात फोन पर करवाने के साथ साथ यह भी सपना राम सिंह दिखा दिया कि आने वाले समय में पंजाब की अकाली सरकार खुद बाबा राम सिंह को दमदमी टकसाल को असल मुखी दोबारा बना देगी। परंतु धुम्मा का ग्रुप अधिक शक्तिशाली होने के कारण राम सिंह कुछ लोगों की बाते में आ कर खुद ही विवादों में घिर गए है। अब दमदमी टकसाल के धुम्मा ग्रुप के विरोधियों की लिस्ट में अकाली दल और एसजीपीसी के साथ साथ राम सिंह भी शामिल हो गए है। बाबा राम सिंह ने खुद मीडिया के समक्ष स्वीकार करना शुरू कर दिया है कि वह पंथक व धार्मिक कार्यों को सरगर्म है परंतु उनकों कुछ शक्तियां परेशान करने लग पड़ी है।
- पंकज शर्मा

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