पंकज शर्मा
धर्मू चक्क अमृतसर, 9 जुलाई:
अभिनेता व पहलवान दारा सिंह मुबई के कोकिला बेन अस्पताल में बीमारी की हालत में दाखिल है जब इस बात की जानकारी मीडिया ने दारा सिंह बचपन के दोस्त जागीर सिंह को दी तो उसकी आंखों से नीर के मोती बहने लगए गए। जगीर सिंह की बूढ़ी आंखे ने शायक कभी सपना ही नहीं लिया था कि धर्मू चक्का का शेर जैसा पुत्र कभी बीमार होकर आस्पताल में दाखिल हो जाएगा। जीवन के 90 बसंत देख चुके जागीर सिंह कहते है कि दारा जब भी गांव आता मुझे और अपने पुराने मित्र शिंगार सिंह को जरूर मिलता। हम दो ही दारा के पुराने मित्र रह गए है जिन के साथ दारा का गहरा लगाव है। दारा के बीस बाईस गांव में दोस्त थे। जिन में काफी अब तक स्वर्ग सिधार चुके है। परंतु आज भी मास्टर बचन, हरबंस , अजीत, शिंगार और जागीर
दारा की राह देखते रहते है। कोई भी दिन ऐसा नहीं होता जब यह पुराने दोस्त दारा के घर एक चक्कर लगा कर परिवार के दारा का हाल चाल न जान लें।
जगीर सिंह बताते है कि दारा और मैं तथा शिंगारा पढऩे के लिए गांव में ही एक मास्टर के पास डेरा शाम सिंह के पास पढऩे के लिए जाया करते थे। गांव में तब स्कूल नहीं होता था। हमरा दिल तो पढऩे के लिए काफी करता था परंतु भैंसों को चारना और उनको पानी पिलाने आदि के काम में अधिक लगे रहते थे। शाम को खेतों में जाकर कुछ समय के लिए खेलते और पहलवानी की जोर अश्माई करते थे। बस यही जिंगदी थी। कभी कभी गांव के आसपास वाले गांवों में मेले लगते थे हम सभी इक_ा होकर मेलों में जाते और खूब मस्ती करते थे। दारा का शरीर काफी हिष्ट पुष्ट था इस के लिए हम सभी उसे मेले में होने वाली कुश्ती के लिए अखाड़े में धकेल देते थे। दारा हमेशा अपने विरोधी को अखाड़े में चित कर देता था जिस से हमे काफी खुशी होती थी। और हम किसी विजयी सैना की तरह जीत दर्ज करवा कर गीत गाते और शोर मचाते गांव आते थे। आज हमारे काफिले के कई साथी हमसे बिछुड़ गए है। जिस का हमे काफी दुख होता है। दारा जब भी गांव आता तो पुराने बिछुड़े साथियों को याद करता है। दारा में आज भी बचपन जैसा उत्साह और प्यार व मेल मिलाप अपने दोस्तों के साथ है। कई बार दारा ने कहा आओ मै तुम सभी को मुबई लेकर चलता हूं आप भी वहां की दुनिया देखो। परंतु हर बार हम उससे अगली बार जाने का वायदा करते है। परंतु वह अगली अभी तक नहीं आई । हमारा यार बीमार है हमे दुख है। हम दुआ कर रहे है कि हमारी आयु भी दारा को लगा दे और उसे ठीक कर दे। ताकि हमारे गांव का सूर्य सारी दुनिया को प्यार मुहब्बत और पहलवानी की रोशनी बांटता रहे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें