—— एसजीपीसी के अध्यक्ष व कार्यकारिणी के सदस्यों का चुनाव होगा नौ नवंबर को ——
बीबी जगीर कौर ने बढ़ाया एसजीपीसी के सदस्यों के साथ सपंर्क
— एसजीपीसी के अध्यक्ष समेत कार्यकारिणी सदस्यों के चुनाव को लेकर हुई गतिविधियां तेज
— अकाली दल दोबारा एसजीपीसी की जिम्मेदारी देना चाहता है एडवोकेट धामी को
पंकज शर्मा, अमृतसर
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष समेत कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के होने वाले चुनावों को लेकर गतिविधियां तेज हो गई है। एसजीपीसी के अध्यक्ष कार्यकारिणी के पदाधिकारियों और सदस्यों का चुनाव नौ नवंबर को तेजा सिंह समुद्री हाल में एसजीपीसी के जनरल हाउस की बैठक के दौरान होगा। इस बार एसजीपीसी की पूर्व अध्यक्ष बीबी जगीर कौर ने अकाली दल से बागी होते हुए खुद अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतरने का एलान करके अकाली दल के लिए संकट पैदा कर दिया है। बीबी जगीर कौर ने एलान कर दिया है कि वह एसजीपीसी के अध्यक्ष का चुनाव लड़ेगे। इस पद के लिए अगर अकाली दल उनके नाम पर सहमती नहीं देता को वह अकाली दल की ओर से घोषित किए जाने वाले उम्मीदवार के खिलाफ खुद को उम्मीदवार जनहाउस में घोषित करके मतदान के लिए अवाज उठाएगी। दूसरी और शिरोमणि अकाली दल का नेतृत्व एक बार फिर एसजीपीसी के मौजूदा अध्यक्ष हरजिंदर सिहं धामी को एसजीपीसी के अध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपना चाहता है।
नौ नवंबर को अध्यक्ष , वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जूनियर उपाध्यक्ष और महासचिव समेत 11 कार्यकारिणी सदस्यों के चुनावों को लेकर बीबी जगीर कौर ने एसजीपीसी के सदस्यों के साथ संपर्क बढ़ा दिया है। बीबी जगीर कौर खुद जा कर यहां एसजीपीसी के सदस्यों के साथ बैठकें करके मुलाकात कर रही है। वहीं बीबी जगीर कौर ने विरोधी पार्टियों के नेताओं के साथ संपर्क करके उनको एसजीपीसी अध्यक्ष के चुनावा में समर्थन करने व उनके खिलाफ किसी भी तरह का राजनीतिक बयान न देने के लिए अपीलें करनी शुरू कर दी है। यहां तक के बीबी जगीर कौर ने कुछ कांग्रेस के बड़े नेताओं और भाजपा के नेताओं से भी अपील की है कि वह अपने निकट संबंध रखने वालों को अपील करें कि एसजीपीसी के अध्यक्ष के लिए जगीर कौर के पक्ष में मतदान किया जाए।
बाक्स——
इस बार सुखबीर बादल न डाले एसजीपीसी के सदस्यों पर किसी तरह का दबाव: दादूवाल
उधर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष भाई बलजीत सिंह दादूवाल कहा कि सुखबीर सिंह बादल एसजीपीसी सदस्यों को स्वतंत्र रूप से उम्मीदवार चुनने का अधिकार दें। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने हमेशा ही सदस्यों पर दबाव बनाया और जनरल हाउस की बैठक में अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जूनियर उपाध्यक्ष, महासचिव और कार्यकारिणी के सदस्यों की सूची का लिफाफा खुद तैयार करके अपने नेताओं के हाथ भेज कर उनको ही सर्वसमिति से चुनने का आदेश देते रहे है। एसजीपीसी के सभी सदस्य सम्मानीय होता है उनके उपर किसी तरह का दबाव उचित नही है। प्रत्येक सदस्य को किसी भी पद के लिए उम्मीदवार के रूप में अपना नाम प्रस्तुत करने का अधिकार होना चाहिए। पार्टी द्वारा नाम प्रस्तुत करने की परंपरा समाप्त होनी चाहिए, सदस्य अपनी इच्छा के अनुसार अपनी स्थिति के अनुसार अपना नाम प्रस्तुत कर सकते हैं, इस तरह की परंपरा शुरू की जानी चाहिए। अच्छा होगा कि सुखबीर शिरोमणि कमेटी सदस्यों से अपना दबाव हटा दें, अन्यथा जिस प्रकार सिख पंथ ने बादल परिवार से नाराज होकर उन्हें राजनीति से हटा दिया, उसी तरह वे उन्हें भी एसजीपीसी की सेवा से हटा देंगे।
— पंकज शर्मा
— एसजीपीसी के अध्यक्ष समेत कार्यकारिणी सदस्यों के चुनाव को लेकर हुई गतिविधियां तेज
— अकाली दल दोबारा एसजीपीसी की जिम्मेदारी देना चाहता है एडवोकेट धामी को
पंकज शर्मा, अमृतसर
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष समेत कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के होने वाले चुनावों को लेकर गतिविधियां तेज हो गई है। एसजीपीसी के अध्यक्ष कार्यकारिणी के पदाधिकारियों और सदस्यों का चुनाव नौ नवंबर को तेजा सिंह समुद्री हाल में एसजीपीसी के जनरल हाउस की बैठक के दौरान होगा। इस बार एसजीपीसी की पूर्व अध्यक्ष बीबी जगीर कौर ने अकाली दल से बागी होते हुए खुद अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतरने का एलान करके अकाली दल के लिए संकट पैदा कर दिया है। बीबी जगीर कौर ने एलान कर दिया है कि वह एसजीपीसी के अध्यक्ष का चुनाव लड़ेगे। इस पद के लिए अगर अकाली दल उनके नाम पर सहमती नहीं देता को वह अकाली दल की ओर से घोषित किए जाने वाले उम्मीदवार के खिलाफ खुद को उम्मीदवार जनहाउस में घोषित करके मतदान के लिए अवाज उठाएगी। दूसरी और शिरोमणि अकाली दल का नेतृत्व एक बार फिर एसजीपीसी के मौजूदा अध्यक्ष हरजिंदर सिहं धामी को एसजीपीसी के अध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपना चाहता है।
नौ नवंबर को अध्यक्ष , वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जूनियर उपाध्यक्ष और महासचिव समेत 11 कार्यकारिणी सदस्यों के चुनावों को लेकर बीबी जगीर कौर ने एसजीपीसी के सदस्यों के साथ संपर्क बढ़ा दिया है। बीबी जगीर कौर खुद जा कर यहां एसजीपीसी के सदस्यों के साथ बैठकें करके मुलाकात कर रही है। वहीं बीबी जगीर कौर ने विरोधी पार्टियों के नेताओं के साथ संपर्क करके उनको एसजीपीसी अध्यक्ष के चुनावा में समर्थन करने व उनके खिलाफ किसी भी तरह का राजनीतिक बयान न देने के लिए अपीलें करनी शुरू कर दी है। यहां तक के बीबी जगीर कौर ने कुछ कांग्रेस के बड़े नेताओं और भाजपा के नेताओं से भी अपील की है कि वह अपने निकट संबंध रखने वालों को अपील करें कि एसजीपीसी के अध्यक्ष के लिए जगीर कौर के पक्ष में मतदान किया जाए।
बाक्स——
इस बार सुखबीर बादल न डाले एसजीपीसी के सदस्यों पर किसी तरह का दबाव: दादूवाल
उधर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष भाई बलजीत सिंह दादूवाल कहा कि सुखबीर सिंह बादल एसजीपीसी सदस्यों को स्वतंत्र रूप से उम्मीदवार चुनने का अधिकार दें। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने हमेशा ही सदस्यों पर दबाव बनाया और जनरल हाउस की बैठक में अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जूनियर उपाध्यक्ष, महासचिव और कार्यकारिणी के सदस्यों की सूची का लिफाफा खुद तैयार करके अपने नेताओं के हाथ भेज कर उनको ही सर्वसमिति से चुनने का आदेश देते रहे है। एसजीपीसी के सभी सदस्य सम्मानीय होता है उनके उपर किसी तरह का दबाव उचित नही है। प्रत्येक सदस्य को किसी भी पद के लिए उम्मीदवार के रूप में अपना नाम प्रस्तुत करने का अधिकार होना चाहिए। पार्टी द्वारा नाम प्रस्तुत करने की परंपरा समाप्त होनी चाहिए, सदस्य अपनी इच्छा के अनुसार अपनी स्थिति के अनुसार अपना नाम प्रस्तुत कर सकते हैं, इस तरह की परंपरा शुरू की जानी चाहिए। अच्छा होगा कि सुखबीर शिरोमणि कमेटी सदस्यों से अपना दबाव हटा दें, अन्यथा जिस प्रकार सिख पंथ ने बादल परिवार से नाराज होकर उन्हें राजनीति से हटा दिया, उसी तरह वे उन्हें भी एसजीपीसी की सेवा से हटा देंगे।
— पंकज शर्मा
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