मंगलवार, 8 मार्च 2022

जन संगठनों के विरोध के चलते जलियांवाला बाग का नाम पंजाबी में सब से नीचे लिखे का कट आउट हटाया प्रबंधकों ने

देश भगत यादगार कमेटी के सदस्यों ने जलियांवाला बाग का दौरा करके रेनोवेशन के दौरान किए बदलावों पर उठाए सवाल

, अमृतसर
जलियांवाला बाग में 20 करोड़ की राशि खर्च करके की गई रेनोवेशन विवादों में आ गई है। रेनोवेशन के दौरान बाग के अंदर किए गए कुछ बदलावों को लेकर अलग अलग सिख और वामपंथी संगठनों में भारी रोष है। किए गए बदलावों को हटा कर पहले जैसी स्थिति बनाए जाने को लेकर विभिन्न संगठनों ने आवाज उठानी शुरू कर दी है। छह सिंतबर को कुछ जन संगठनों नौजवान भारत सभा, पीएसयू, पीएफएफ, किसान सभा और कृषि मजदूर सभा ने जलियांवाला बाग के अंदर किए बदलावों के खिलाफ रोष प्रदर्शन करने का एलान किया हुआ है। वहीं देश भगत यादगार हाल की एक टीम ने भी जलियांवाला बाग का दौरा करके वहां किए गए बदलावों और इतिहास के साथ की गई छेड़छाड़ को देखा और इस पर एक राष्ट्र व्यापी अभियान शुरू करने का फैसला लिया है। विभिन्न जत्थेबंदियों के विरोध को मुख्य रखते हुए जलियांवाला बाग के एंट्री गेट के पास ही बाई और लगे शहीद उधम सिंह के बुत के पास हिन्दी , अंग्रेजी और पंजाबी में लिखे जलियांवाला बाग के कट आउट अक्षरों को भी हटा दिया गया है।
जलियांवाला बाग में रेनोवशन के दौरान गेट के पास ही शहीद उधर सिंह के बुत के पास पहले हिंदी ,फिर अंग्रेजी और फिर पंजाबी में जलियां वाला बाग लिखा था। पंजाबी में नाम सब से नीचे लिखे जाने का संगठनों ने विरोध किया था। जिसे अब हटा दिया गया है।
देश भगत  यादगार कमेटी के प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों अजमेर सिंह , गुरमीत सिंह, डा परमिंदर, अमोलक सिंह और रत्न सिंह रंधावा ने बताया कि एंट्री गेट से बाग को जाने वाली गली का खौफनाक मंजर बदल दिया गया है। वहां पर दीवारों पर कोई मेला देखने जाते हुए लोगों की मूर्तियां लगा दी गई है। जिस स्थान पर खड़े होकर जनरल डायर ने गोलियां चलाने के आदेश दिए थे उस जगह पर लगे पिलर निशान को भी हटा दिया गया है। वहां पर लगे मशीन गन के निशान को हटा दिया गया है और सिर्फ फर्श पर ही मात्र एक निशाल लगा दिया गया है। अमर ज्योति का स्थान बदल दिया गया है। शहीदी कुंआ का डिजाइन बदल दिया गया है। एंट्री पर ही भविष्य में टिकट लेकर अंदर दाखिल होने वाले मशीनें लगा दी गई है। गोलियों के निशानों की पुरानी दिखावट बदल दी गई है। यहां तक के शहीदी स्मार्क के पास भी तलाब में कमल के फूल लगा दिए गए है। जलियांवाला बाग के शहीदों के नामों की सूची भी हटा दी गई है। वहां से गदर पार्टी के संस्थापक उपाध्यक्ष प्रो बरकत उल्ला और डा हाफिज मुहम्मद बशीर के नामों को भी हटा दिया गया है। भगत सिंह, करतार सिंह सराभा,उधम सिंह आदि की तस्वीरों के नीचे लिखे नामों के साथ शहीद शब्दों को हटा दिया गया है।
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जलियांवाला बाग नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव एस के मुखर्जी ने कहा कि उनकी ओर से रेनोवेशन करवाने वाले अधिकारियों के ध्यान में जलियांवाला बाग का नाम पंजाब में सब से उपर न लिखे जाने का मामला  लोगों के विरोध को मुख्य रख उनकी ओर से उठाया गया था। जिस को हटा दिया गया है। जल्दी ही पंजाब में नाम सब से उपर लिख कर वहां नाम का कट आउट लगा दिए जाएंगे।
— पंकज शर्मा

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