— एसजीपीसी अलग अलग गुरुद्वारों में भी स्थापित करेगी सोलर बिजली पैंनल
— तीन करोड़ रूपय की लागत से यूनाईटिड सिख मिशन अमरीका की सहायाता से एसजीपीसी ने हरिमंदिर साहिब परिसर में स्थापित किया है सोलर प्लांट
पंकज शर्मा, अमृतसर
बढ़ रहे प्रदूषण पर कंट्रोल करने के लिए विकल्पिक उर्जा एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है। इसी के चलते आज सोलर उर्जा का उपयोग बिजली पैदा करने के लिए बढ़ने लग गया है। लोगों ने आज अपने घरों की छतों पर सोलर पैनल लगा कर बिजली पैदा करके अपने बढ़ रहे बिजली बिल पर कंट्रोल करना शुरू कर दिया है। इसी के चलते अब श्री हरिमंदिर साहिब में भी सोलर उर्जा से बिजली पैदा करनी शुरू कर दी है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रंधक कमेटी की ओर से गत माह 525 किलोवार्ट का सोलर पैनल यूनिट लगाया है। इस से एसजीपीसी को 25 से 30 प्रतिशत से अधिक बिजली बिल की बचत होगी।
एसजीपीसी की ओर से अमेरिका के सिख संगठन यूनाइटेड सिख मिशन अमरीका के सहयोग से यह सोलर प्लांट शुरू किया है। इस के उपर करीब तीन करोड़ रूपय का खर्च आया है। इस प्रोजेक्ट को स्थापित करने के लिए चार माह का समय लगा है। एसजीपीसी ने अब अपने प्रबंधों के अधीन आने वाले अलग अलग गुरुद्वारा साहिबों में भी सोलर पैनल स्थापित करने बिजली के खर्चों की बचत करेगा।गत माह शुरू किए सोलर बिजली प्लांट का अभी बिली जिनरेट नही हुआ है। आने वाले दिनों में काफी लाभ बिजली के बिल पर बचत होने से एसजीपीसी को होगा।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबधक कमेटी की ओर से श्री हरिमंदिर साहिब के लिए 800 किलोवाट व 66 केवी का बिजली कनेक्शन लिया हुआ है। जिसका प्रति दो माह का एवरेज बिजली बिल 70 से 80 लाख रूपए आता है। सोलर प्लांट लगने से बिजली बिल का प्रति वर्ष एक करोड़ रूपया बचत होने की संभावना है।
बिजली विभाग सोलर पैनलों की पैदा हुई बिजली को उपभोक्ताओं से खरीदता है। इस के बादल में उपभोक्तओं की ओर से खप्त की गई बिजली को पैदा की गई बिजली से कुल रेट से निकाल कर जो बिल बनता है उसके के अनुसार बिजली का बिला बिजली विभााग की ओर से वसूला जाता है।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि करीब साढे तीन वर्षों तक लगातार बिजली पैदा करने के बाद ही आम उपभोक्ता को बिजली के स्थापित किए सोलर पैनलों से लाभ मिलना शुरू होता है। साढे तीन वर्षों के बाद उपभोक्ता को असल बिल में लाभा स्पष्ट दिखाई देने लग पड़ता है।
एसजीपीसी की ओर से श्री हरिमंदिर साहिब के अलग अलग कार्यालयों व सरायों पर स्थापित किए गए सोलर पैनलों की स्वीकृति कैप्टर अमरिंदर सिंह की सरकार की ओर से दी गई थी। 525 किलोवाट बिजली पैदा होने से करीब 2000 टन पैदा होने वाली कार्बनडाइआक्साइ से वातावरण को मुक्ति मिलेगी।
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बिजली के क्षेत्र में आत्म निर्भर होने की योजना बना रही है एसजीपीसी: सियालका
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव एडवोकेट भगवंत सिंह सियालका ने कहा कि सोलर प्लांट लगने से श्री हरिमंदिर साहिब की गुरु की गोलक पर पड़ने वाले बिजली के बढ़े खर्चों पर करीब एक करोड़ रूपय का लाभ प्रति वर्ष होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी ने फैसला लिया है कि एसजीपीसी के प्रबंधों के अधीन अलग अलग गुरुद्वारा साहिबों में की इमारतों की छतों पर भी सोलर बिजली प्लांट स्थापित किए जाएं। इस के लिए सरकार को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है।
एसजीपीसी की ओर से गुरुद्वारा शहीदां साहिब, गरुद्वारार बीड़ बुढ्ढा साहिब, गुरुद्वारा सतलानी साहिब आदि में भी सोलर प्लांट लगाने की योजना है। जिन गुरुद्वारों के पास खाली भूमि है उन पर भी सोलर प्लांट लगाने की योजना बनाई जा रही है। आने वाले समय में एसजीपीसी बिजली के उपयोग के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना चाहती है। जिस के लिए भी प्लान बनाई हुई है। एक किलोवाट का प्लांट गुरुद्वारा बाबा बुढा साहिब में लगाने का काम चल रहा है। जो जल्दी पूरीा हो जाएगा।
— पंकज शर्मा
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