पंकज शर्मा, अमृतसर
सिख धर्म की सब से पुरानी शैक्षिणिक व धर्म प्रचार करने वाली संस्था चीफ खालसा दीवान की स्थापना 120 साल पहले 1902 में हुई थी। दीवान के अब तक 13 प्रधान रहे और गत मंगलवार काे डा इंद्रबीर सिंह निज्जर 14वें प्रधान बनें हैं।दीवान के पहले प्रधान भाई अर्जन सिंह बागड़ीया बने थे जाे 1902 से 1919 तक प्रधानगी पद पर रहे। सिख शैक्षिणिक संस्था सीकेडी के इतिहास में 40 साल बाद फिर काेई सियासी नेता प्रधान बना है। दीवान के 8वें प्रधान कृ़पाल सिंह सियासी नेता थे जाे विधायक व सांसद भी रहे। कृपाल सिंह 1982 में प्रधान बने थे और 2002 तक 20 साल लगातार दीवान के प्रधान रहे। उसके बाद काेई ऐसा प्रधान नहीं आया जाे प्रधान के साथ साथ विधायक या सांसद भी हाे।
वर्ष 2002 से 2004 तक हरमिंदर सिंह कार्यकारी प्रधान रहे। चरनजीत सिंह चड्ढा 2004 से 2017 तक प्रधान रहे। हालाकि चड्ढा की सियासत में अच्छी पकड़ थी लेकिन वह सियासी नेता नहीं थे। उसके बाद धन्नराज सिंह दाे बार कार्यकारी प्रधान रहे। डा संताेख सिंह केवल छह महीने के लिए ही प्रधान रहे। उनका कार्यकाल मार्च 2018 से सितंबर 2018 तक प्रधान रहे। उसके बाद 2019 से मार्च 2022 तक निर्मल सिंह प्रधान रहे। इनका भी सभी सियासी पार्टीयाें के नेताओं के से अच्छा संपर्क था लेकिन सीधे ताैर पर वह सियासत में शामिल नहीं थे। माैजूदा प्रधान डा इंद्रबीर सिंह निजर अभी 10 मार्च काे ही आम आदमी पार्टी से विधायक विजयी हुए है। उनकों पांच दिन बाद मंगलवार 15 मार्च काे दीवान के कार्यवाहक अध्यक्ष सर्व समिति से चुन लिया गया है। इसी दाैरान 16 मार्च बुधवार काे उन्हें विधान सभा का प्राेटैम स्पीकर बना दिया गया। अब देखना यह हाेगा कि वह तीनाें पदाें काे एक साथ कैसे निभा पाते हैं।
— पंकज शर्मा
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