गुरुवार, 15 फ़रवरी 2024

ई-जागृति नामक आधुनिक कॉनफोनेट सॉफ्टवेयर पर एक दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला में उपभोक्ता निवारण पर चर्चा की गई

भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग ने उपभोक्ता शिकायतों का शीघ्र, सस्ता और आसान समाधान प्रदान करने के लिए कॉनफोनेट सॉफ्टवेयर को "ई-जागृति" पोर्टल में मॉर्डनाइज किया है। इस संबंध में, विभाग ने आज सभी हितधारकों को "ई-जागृति" की विशेषताओं से परिचित कराने के लिए एक क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया।

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्‍त्र और वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने 24 दिसंबर, 2023 को "ई-जागृति" पोर्टल में आधुनिक कॉनफोनेट सॉफ्टवेयर लॉन्च किया था। तीन स्तरीय उपभोक्ता आयोगों में, ऑनलाइन उपभोक्ता अदालत मामले की निगरानी और प्रबंधन प्रणाली कॉनफोनेट के 15 वर्षों से अधिक समय से उपभोक्ता मामलों में मदद की है। हालाँकि, प्रौद्योगिकी में प्रगति और उपभोक्ता की बदलती जरूरतों के साथ, यह स्पष्ट हो गया है कि हमें नागरिकों की बेहतर सेवा के हिसाब से ढलने और इनोवेट करने की आवश्यकता है।

उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव श्री रोहित कुमार सिंह ने आज सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ई-जागृति में एआई के आने से उपभोक्ता आयोगों में लंबित उपभोक्ता मामलों को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने सभी हितधारकों को प्रौद्योगिकी और ई-जागृति के उपयोग से लंबित मामलों को कम करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने माना कि देश में कई उपभोक्ता आयोगों में पंजीकृत मासिक मामलों के निपटारे की दर शत प्रतिशत है और उन्होंने उत्कृष्ट परिणाम के लिए इन आयोगों के सभी अध्यक्षों और रजिस्ट्रारों को बधाई दी।

ई-जागृति पोर्टल सभी स्तरों पर सरल, तेज और अधिक लागत प्रभावी उपभोक्ता विवाद निवारण सॉफ्टवेयर समाधान प्रदान करता है। इसमें उपभोक्ता शिकायत प्लेटफार्मों, अर्थात् ऑनलाइन केस मॉनिटरिंग सिस्टम (ओसीएमएस), ई-दाखिल, एनसीडीआरसी केस मॉनिटरिंग सिस्टम, कॉनफोनेट वेबसाइट, मध्यस्थता एप्लिकेशन को एक ही प्लेटफॉर्म में एकीकृत करने की परिकल्पना की गई है।

ई-जागृति प्लेटफॉर्म में केस फाइलिंग, ऑनलाइन शुल्क भुगतान, सभी आयोगों द्वारा मामलों के निर्बाध निपटान के लिए केस मॉनिटरिंग मॉड्यूल हैं, मेटाडेटा और कीवर्ड निर्माण के लिए एआई तकनीक का उपयोग करके संग्रहीत उपभोक्ता शिकायतों/मामलों/निर्णयों पर स्मार्ट खोज सुविधा है, और एआई/एमएल प्रौद्योगिकी का उपयोग करके निर्णयों, मामले के इतिहास और अन्य विवरणों का वॉयस-टू-टेक्स्ट कनवर्जन की सुविधा भी इसमें मौजूद है। पोर्टल उपभोक्ता शिकायतों के सुविधाजनक और सुलभ समाधान के लिए वर्चुअल कोर्ट सुविधा को एकीकृत करेगा, निपटान के समय को कम करेगा, कई सुनवाई और भौतिक अदालत में उपस्थिति सभी उपभोक्ता आयोगों में प्रभावी और तेज़ निर्णय और निपटान लाएगा।

कार्यशाला में उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव और अतिरिक्त सचिव श्री भरत खेड़ा के साथ-साथ विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

एनसीडीआरसी और राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों के रजिस्ट्रार, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों के अध्यक्ष और सभी राज्य उपभोक्ता विवादों के तकनीकी सहायता व्यक्ति कार्यशाला के दौरान निवारण आयोगों को पोर्टल के विभिन्न मॉड्यूल और प्रमुख तकनीकी विशेषताओं के बारे में जानकारी दी गई।

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