—आरपी सिंह ने कहा एसजीपीसी सिखों के ईसाई धर्म में परिवर्तन होने की प्रक्रिया को रोकने में रही असफल
अमृतसर
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के बजट इजलास के दौरान आरएसएस के खिलाफ पास किए गए प्रस्ताव को लेकर भाजपा व शिरोमणि कमेटी के मध्य विवाद गहरा गया है। एसजीपीसी ने प्रस्ताव पारित किया है कि आरएसएस अल्पसंख्यकों के धर्म के अंदर हस्तक्षेप कर रही है। आरएसएस के हिन्दू राष्ट्र एजेंडा को केंद्र की सरकार लागू कर रही है। केेंद्र सरकार को चाहिए कि आरएसएस जैसे संगठनों की को एक राष्ट्र का एजेंडा लागू करने से रोके और इस संगठन को अपने दायरे में रह कर काम करने को यकीनी बनाए। एसजीपीसी की ओर से पास इस प्रस्ताव पर एक बहस शुरू हो गई है।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से आरएसएस के खिलाफ पास किए प्रस्ताव में भाजपा के प्रवक्ता आरपी सिंह ने एक टवीट जारी करके एसजीपीसी के इस प्रस्ताव की निंदा की है।
मामले को लेकर आरपी सिंह ने कहा कि एसजीपीसी पंजाब में सिखों को इसाई धर्म में कनवर्ट होने से रोक पाने में असफल सिद्ध हो रही है। जिस कारण लोगों का और सिखों का ध्यान इस मामले से हटाने के लिए एसजीपीसी आरएसएस के खिलाफ बेबुनियाद प्रस्ताव पारित करके एक नई राजनीतिक चर्चा शुरू कर रही है। आज माझा के पठानकोट, तरनतारन , गुरदापुर और अमृतसर जिलों में बढ़ी संख्या में सिख ईसाई बन रहे है। धर्म परिवर्तन के लिए पैसे का भी लालच दिया जाता है। एसजीपीसी अपनी इस असफलता को छुपाने के लिए ही आरएसएस के खिलाफ गलत प्रचार कर रही है। परंतु आज तक आरएसएस ने किसी भी सिख को या किसी अन्य धर्म के व्यक्ति को लालच देकर हिंदू नही बनाया। तो फिर कैसे कहा जा सकता है कि आरएसएस दूसरे धर्मों में हस्तक्षेप कर रही है। जबकि आरएसएस ने पिछले समय के दौरान पंजाब में ईसाई बने लोगों को दोबारा अपने धर्म में वापिसी करवाई थी। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार गुरदासपुर में ही 7.68 प्रतिशत जनसंख्या ईसाई बन गई। अमृतसर में 2.18 प्रतिशत और तरनतारन में 0.54 प्रतिशत जनसंख्या ईसाई बनी है। अपनी राजनीतिक साख बचाने के लिए ही हिन्दू राष्ट्र का डर पैदा किया जा रहा है।
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एसजीपीसी की अध्यक्ष बीबी जगीर कौर ने कहा कि इस में कोई शक नही है कि आरएसएस देश में अल्पसंख्यकों के धर्म में हस्तक्षेप करके उनको कमजोर कर रही है। एसजीपीसी ने आरएसएस के खिलाफ प्रस्ताव जो प्रस्ताव पास किया है वह सिख कौम की भावनाएं है। क्या सिख पंजाब में ईसाई बढ़ी संख्या में नही बने है इस पर बीबी जगीर कौर ने कहा कि इस संबंधी सारे आंकड़े इक्ट्ठे करके एसजीपीसी अपने अधिकारिक ब्यान जारी करेगी। केंद्र सरकार और भाजपा को आरएसएस के हिन्दू राष्र्ट की देश के अंदर स्थापित करने की योजना को लागू करने पर नुकेल डालनी चाहिए। और आरएसएस को अपने दायरे में रह कर काम करने के आदेश देने चाहिए।
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भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह का ब्यान गैर जिम्मेवारी वाला: एसजीपीसी
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से आरएसएस के खिलाफ दिए ब्यान पर भाजपा प्रवक्ता आरपी सिहं के प्रतिक्रम पर एसजीपीसी के एडिशनल सचिव सुखदेव सिंह भूरा कोहना ने आरपी सिह के ब्यान को गैर जिम्मेवारी वाला बताया है।
सुखदेव सिंह ने कहा कि आरपी सिंह इतिहास नही पढ़ा है इस लिए वह बेबुनियाद ब्यान दे रहे है। जब औरंगजेब ने भारत की धरती को इस्लाम की धरती बनाना शुरू किया तो धर्म की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर जी ने अपनी कुर्बानी दी। आज भाजपा और आरएसएस के राज्य में अल्पसंख्यक धर्म अपने आप को खतरे में महसूस कर रहे है। आजादी के बाद सत्ता में आई भाजपा आज भी अंग्रेजों की नीतियों पर चल औरंगजेब के शासन वाली योजना को लागू कर रही है। फर्क सिर्फ इतना है कि औरंगजेब भारत का इस्लामी राष्र्ट बनाना चाहता था जबकि भाजपा देश को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहती है। भाजपा दूसरे धर्मों के लोगों के सभ्याचार , भाषा आदि को सहन नही कर रही है। आज भी आरएसएस की ओर से सिख धर्म के इतिहास के साथ अप्रत्यक्ष रूप में छेड़छाड़ की जा रही है। आज कौम श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 वर्षीय प्रकाश पर्व को मना रही है इस दौरान एसजीपीसी की ओर से आरएसएस के खिलाफ पास किया गया प्रस्ताव देश के संविधान के हित में है। एसजीपीसी सिख धर्म की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती है। यह प्रस्ताव सारी सिख कौम की सांझा आवाज है। जब भी कोई शक्ति एक धर्म के राष्ट्र के निर्माण की बात करके देश की एकता और अखंडता को भंग करने की कोशिश करेगी , अल्पसंख्यकों के लिए खतरा पैदा करेगी तो एसजीपीसी गुरु साहिबों की विचारधारा पर पहरा देते हुए उसके खिलाफ प्रस्ताव पारित करेगे।
— पंकज शर्मा
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