फांसी की सजा भुगत रहे आदिवासी लोक कलाकर जीतन मरांडी की फांसी सजा झारखंड उच्च न्यायालय ने आज रद्द कर दी। दिन के करीब 12 बजे आये इस फैसले में जज ने माना कि जीतन मरांडी को गलत ढंग से फंसाया गया...
जनज्वार. फांसी की सजा भुगत रहे आदिवासी लोक कलाकर जीतन मरांडी समेत अन्य तीन लोगों को हुई फांसी की सजा को झारखंड उच्च न्यायालय ने आज रद्द कर दिया। इन सभी लोगों को राज्य की एक निचली अदालत ने 22 जून को चिलखारी हत्याकांड का दोषी मानकर फांसी की सजा सुनाई थी।
झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आरके मराठिया और डीएन उपाध्याय की संयुक्त पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए पाया कि दोषियों पर निचली अदालत ने जो अपराध तय किये थे, वह निराधार थे। मरांडी के वकील एसके मुरारी ने बताया कि उच्च अदालत द्वारा निचली अदालत के फैसले को गलत ठहराने का बुनियादी कारण गवाहों का फर्जीवाड़ा बना, जिसमें कई गवाह ऐसे थे जो व्यावसायिक तौर पर गवाही देने का पेश करते हैं या फिर इनमें से कुछ गवाहों पर आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं।
दिन के करीब 12 बजे आये फैसले में पीठ ने कहा कि जीतन मरांडी, अनील राम, छत्रपति मंडल और मनोज रजवार को गलत ढंग से फंसाया गया। जनहित में हुए इस फैसले के बाद झारखंड के राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है और लोग खुश हैं कि देर से सही मगर सचाई की जीत हुई है।
फांसी की सजा से मुक्त हुए लोगों में अनील राम, छत्रपति मंडल और मनोज रजवार जेल से कल छूट सकते हैं, जबकि लोक कलाकार जीतन मरांडी पर राज्य के खिलाफ भड़काउ भाषण देने का एक और अन्य मुकदमा होने के कारण उनकी रिहाई सोमवार तक हो सकती है।
जीतन मरांडी की पत्नी अर्पणा मरांडी:
"मैं बहुत खुश हूं कि देर से ही सही न्याय तो मिला। मैं इस न्याय के लिए विशेष रूप से उच्च न्यायालय के जज और अपने वकील एसके मुरारी का शुक्रिया करना चाहूंगी, जिनके बदौलत हमारे पति समेत बाकी तीन निर्दोष जेल से रिहा हो सके हैं। वकील एसके मुरारी ने बिना फीस लिये यह लड़ाई लड़ी है जो देश के जनपक्षधर वकीलों के लिए यह एक मिसाल है। झारखंड की जेलों में अभी बहुत से लोग बंद हैं और हमारे पति जैसे ही निर्दोष हैं। अगर वह बाहर आयें तो हमें और ख़ुशी होगी। उनके बगैर हमारी ख़ुशी अधूरी है। इस संघर्ष में देश स्तर पर खासकर झारखंड के सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं, छात्रों, बुद्धिजीवियों, शुभचिंतकों ने जो एकता दिखायी है, प्रयास किया है, उसके लिए मैं उन सभी की आभारी हूं। "
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