गुरुवार, 2 मई 2013


अप्रेशन ब्लू स्टार में मारे गए लोगों की यादगार को दमदमी टक्साल ने सौंपा एसजीपीसी को
- भारी संख्या में सिख कौम के धार्मिक , राजनीतिक व समाजिक संगठनों के कार्यकर्ता हुए शामिल
- दमदमी टक्साल द्वारा तैयार इस यादगार के प्रबंधकों देखेगी अब एसजीपीसी

 अमृतसर , 27 अप्रैल:
वर्ष 1984 में श्री हरिमंदिर साहिब के उपर हुए अप्रेशन ब्लू स्टार के दौरान मारे गए लोगों की याद में हरिमंदिर साहिब परिसर में बनाई जा रही यादगार बन कर मुकम्मल हो चुकी है। इस यादगार को दमदमी टक्साल के मौजूदा मुखी बाबा हरमनाम सिंह धुम्मा ने शनिवार यादगार का प्रबंध एसजीपीसी के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ को सौंप दिया। इस यादगार को सिख कौम को समर्पित करने के लिए गुरुवार को श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पाठ की शुरूआत की गई थी। एक के बाद एक पाठ का भोग डाले जाने की श्रंृखला लगातार चलती रहेगी।  6 जून को भी अखंड पाठ साहिब के पाठ को भोग डालने व सिख घंल्लुघारे संबंधी अरदास के बाद इस यादगार को सिख कौम को समर्पित कर दिया जाएगा।
यह यादगार एक गुरुद्वारा के रूप में श्री अकाल तख्त साहिब और गुरुद्वारा थड़ा साहिब के पास बनाई गई है। इस से पहले हरिमंदिर साहिब परिसर में शहीद बाबा दीप सिंह और बाबा गुरबख्श सिंह की भी यादगारें स्थापित की गई है। यह नई यादगार संत जरनैल सिंह भिंडरावाला, जरनल सुबेग सिंह, अमरीक सिंह , ठारा सिंह आदि उन व्यक्तियों की याद में स्थापित की गई है जो आप्रेशन ब्लू स्टार के दौरान आर्मी के साथ मुकाबला करते हुए मारे गए थे। यादगार हाल में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पाठ के भोग के बाद हरिमंदिर साहिब के हजूरी रागी कारज सिंह और सतिंदरबीर सिंह के जत्थों की ओर से गुरबाणी कीर्तन किया गया। अरदास गुरचरण सिंह की ओर से की गई। जबकि हुकमनामा ज्ञानी मल सिंह मुख्य ग्रंथी हरिमंदिर साहिब की ओर से पढ़ा गया। इस दौरान श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह की ओर से केंद्र सरकार द्वारा अप्रेश्र ब्लू स्टार के दौरान किये हमले के संबंध में विस्तृत लैक्चर दिया। सिख कौम की यादगार बनाने की मांग आज पूरी हो गई। ब्लू स्टार के दौरान श्री अकाल तख्त साहिब को तोपों से गिराया गया वहीं श्री गुरु ग्रंथ साहिब पर भी गोलियां चलाई गई। इस दौरान दमदमी टकसाल के मुखी बाबा धुम्मा को सिरोपा देकर सम्मानित भी किया गया। इस अवसर पर तख्त केसगढ़ साहिब के ज्ञानी त्रिलोचन सिंह, तख्त दमदमा साहिब के ज्ञानी बलवंत सिंह नंदगढ़, तख्त पटना साहिब के ज्ञानी इकबाल सिंह, तख्त हजूर साहिब के उप जत्थेदार ज्ञानी जोत इंद्र सिंह , ज्ञानी गुरमुख सिंह हैड ग्रँथी श्री अकाल तख्त साहिब, ज्ञानी रवेल सिंह ग्रथी दरबार सिंह, ज्ञानी मल सिंह , ज्ञानी जगतार सिंह लुधियाना , ज्ञानी जसविंदर सिंह , अकल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह खालसा, ज्ञानी जोगिंदर सिंह वेदांती, ज्ञानी पूर्ण सिंह, पूर्व हैड ग्रंथी ज्ञानी मोहन सिंह , ज्ञानी जसवंत सिंह आदि मौजूद थे। इस के अलावा विभिन्न सिख संगठनों के नेता, वर्कर आदि भी भारी संख्या में पहुंचे हुए थे।
- पंकज शर्मा

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