शनिवार, 22 अक्टूबर 2011


जीएनडीयू टीचर हड़ताल पर, नान टीचिंग चुनावों में सरगर्म, शिक्षा का काम ठप, विद्यर्थी है परेशान

अमृतसर, 19 अक्टूबर
गुरु नानक देव विश्वविद्यालय कैंपस इस समय कर्मचारी सघर्षों के अखाड़ा का रूप धारण कर गया है। एक ओर विश्वविद्यालय के अध्यापक अपनी मांगों को लेकन कक्षाओं का बहिष्कार करके वीसी के खिलाफ संघर्ष के मैदान में है वहीं दूसरी ओर  नान टीचिंग एसोसिएशन के चुनावों की प्रचार सरगर्मियां अपनी चरम सीमा पर है। इन दोनों गतिविधियों को चलते विश्वविद्यलय में पढ़ाई का काम काज ठप्प है।
नान टीचिंग कर्मी चुनावों के प्रचार में सरगर्म होने के कारण अपनी सीटों पर बैठ नहीं रहे है। जिस कारण विद्यार्थियों को अपने काम करवाने में मुश्किलें सहन करनी पड़ रही है। अधिकारी मौज कर रहे है। अध्यपाक और छात्र परेशान है। विद्यार्थियों की कोई भी सुनवाई नहीं कर रहा है। छात्र संगठनों ने भी अब कैंपस के महौल से तंग आकर आंदोलन करने का मन बना लिया है। परीक्षाओं के लिए फार्म जमा करवाने के दिन है। जिस कारण विद्यार्थी अधिक मुश्किल में है।
जीएनडीयू में टीचिंग स्टाफ दो प्रोफेसरों के खिलाफ सिंडीकेट द्वारा की कई विभागीय कार्रवाई के खिलाफ आंदोलन कर रहे है। सिंडीकेट ने बिजनेस व कामर्स विभाग के मुखी को एक इंक्वायरी के बाद अध्यक्ष पद के हटा दिया है जबकि दूसरे प्रोफेसर जीएस भल्ला को भी छात्रों की एसेसमेंट के नंबर लगाने में अनियतिताएं बरतने के आरोप में डिसमिस किये जाने संबंधी नोटिस जारी किया हुआ है। अध्यापक अंदोलन के माध्यम से दोनो अध्यापों की बहाली की मांग कर रहे है। अध्यापकों की हड़ताल के कारण शिक्षा का काम प्रभावित है। वहीं पिछले 20 दिनों से नान टीचिंग कर्मी भी एसोसिएशन के चुनावों की प्रचार सरगर्मियों में सरगर्म है। वह अपनी सीटों पर ही नही मिल रहे है। उधर छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स फेंडरेशन के जिला अध्यक्ष विकास बेरी ने कहा कि कैंपस में कोई भी अनुशासन नहीं है। अगर प्रबंधक इस मुद्दे पर गंभीर न हुए तो छात्रों को भी अंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला अध्यक्ष गुरजीत सिंह नागरा कहते है कि जीएनडीयू कैंपस में अनियमितताए और अनुशासन हीनता बढ़ गई है। जिस के खिलाफ छात्रों को भी आवाज उठाने का समय आ गया है।इस विषय पर वीसी डा. एएस बराड़ के साथ बात करने के लिए कई बार फोन मिलाया गया परंतु वह मिले नहीं।

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