दिल की गति रूकने से नहीं बल्कि सिर पर लगी चोटों से हुई है सर्बजीत की मौत
- दूसरे पोस्ट मार्टम के करीब 24 घंटे पहले ही हुई थी सर्बजीत की मौत
- सर्बजीत को चोटें 26 अप्रैल के आसपास ही लगाई होती है प्रतीत
अमृतसर , 3 मई:
पंजाब सरकार के आदेशों पर सर्बजीत के शव का पोस्ट मार्टम करने वाली पांच डाक्टरों की टीम ने सर्बजीत की मौत संबंधी सनसनी खेज खुलासे किये है। प्रार्थमक रिपोर्ट के अनुसार सर्बजीत का पोस्टमार्टम दूसरी बार सिविल अस्पताल पट्टी में देर रात्रि किया गया। जिस से स्पष्ट हुआ है कि सर्बजीत की मौत करीब 24 घंटे पहले ही हुई थी। मौत का कारण दिल की धडक़न रूकने से नहीं बल्कि उसकी बुरी तरह की गई मारपीट और सिर पर आई गहरी चोटों के कारण हुई है। चोटें भी 26 अप्रैल के आस पास ही आई प्रतीत होती है। सर्बजीत के शरीर के विभिन्न हिस्सों पर पाए गए चोटों के निशानों से साबित होता है कि उसके उपर जेल में दो से अधिक लोगों ने हमला करके भारी व बलंट हथियारों से हमला किय गया था। इस बात का जानकारी पोस्ट मार्टम करने वाली टीम के प्रभारी व मेडिकल कालेज के फोरेंसिक विभाग के मुखी डा गुरमनजीत राय की ओर से किया गया है। सर्बजीत का पहला पोस्ट मार्टम लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भी हो चुका था। दूसरी बार पोस्टमार्टम पंजाब सरकार के आदेशों और परिवार की सहमति से किया गया है। डा राय टीम के सहयोगी डाक्टरों डा सुधीर खिच्ची मुखी सर्जरी विभाग, डा. एच एस सोहल मुखी मेडिसन विभाग , डा. अमरजीत सिंह मुखी पथालोजीत विभाग, डा वीना चत्तर्थ मुखी अनस्थीजिया विभाग और कालेज के प्रिंसिपल डा. एसएस शेर गिल की मौजूदगी में मीडिया के साथ बातीचत कर रहे थे।
डा. राय ने बताया कि सर्बजीत के शव के साथ पाकिस्तान के जिन्ना अस्पताल से जो एक पत्र भेजा गया है वह सिर्फ सर्बजीत की मौत का ही सर्टीफिकेट है। वह कोई पोस्ट मार्टम रिपोर्ट नहीं है। इस मौत के सर्टीफिकेट में सर्बजीत के सिर के उपर लगी गंभीर चोटों की इलाज की जानकारी और उसकी मौत का कारण दिल की पंपिंग गति रूकना बताया गया है। परंतु जब गत रात सिविल अस्पताल में सर्बजीत के शव का पोस्ट मार्टम किया गया तो सामने आया कि उसके शरीर में पेट, पित्ता, दिल और दोनो किडनियां मौजूद नहंीं थी। सर्बजीत के सिर के उपर दीमाग की खोपड़ी पर फ्रक्चर थे। उसकी छाती के उपर बीच में भी फ्रक्चर थे। वहीं छाती की बाई ओर पस्लियों पर तीन और दाई ओर पस्लियों पर दो फ्रक्चर थे।
डा. राय ने बताया कि सर्बजीत के सिर के पिछले हिस्से पर उपर की ओर गहरी चोंटे थी। इसी तरह सर्बजीत के होंठों , कानों और कंधों पर पीठ की ओर दोनों साइड पर गहरी चोटों के निशान थे। ऐसा संकेत है कि उसके उपर भारी व बलंट हथियारों से हमला किया गया था। चोटों के निशान स्पष्ट करते है कि उसकी हत्या की नीयत से ही उसके उपर हमला किया गया था। और उसके उपर हमला करने वाले लोगों की संख्या भी दो से अधिक थी। उसके सिर के पीछे आई चोटों पर टांके भी नहीं लगाए गए थे। जबकि सिर के उपर की चोट पर टांके लगाए गए थे। प्राथमिक जांच के दौरान यही सामने आया है कि मौत का कारण सिर पर आई गहरी चोटें है ना कि दिल की धडक़न रूकने से मौत हुई है। सर्बजीत की टांगों और बाजुओं पर कोई निशान नहंी था। परंतु पीठ और छाती पर चोटों से नील पडऩे के निशान मौजूद थे। शरीर के उपर सात- आठ से अधिक चोटें आई थी।
डा राय ने बताया कि अंतराष्ट्रीय मानवीय अधिकर निमयों के अनुसार पुलिस कस्टडी , क्रांस फाईरिंग, बड़ी आपदाओं आदि के दौरान अगर मौत होती है तो उसका सर्वप्रथम पोस्ट मार्टम निर्धारित नियमों के अनुसार किया जाना होता है। इसी लिए हो सकता है कि पाकिस्तान के जिन्ना अस्पताल के डाक्टरों की ओर से सर्बजीत के पेट, पित्ते , दिल और किडनी को निकाल कर केमिकल तथा पथालोजिकज जांच के लिए भेजा हो। उन्होंने बताया कि उनकी ओर से भी दिमाग, और निकाले गए अंगों की जड़ों का विरसा लेकर फोरंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। पाकिस्तान के जिन्ना अस्पताल से भी पोस्ट मार्टम की रिपोर्ट मांगवाने के लिए सूचना भेज दी गई है। सर्बजीत की मौत के अन्य कारणा का पता विसरा की रिपोर्ट से ही चलेगा।
- पंकज शर्मा
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