रविवार, 19 अगस्त 2012

न्याय के लिए अटारी बार्डर पर 14 दिनों से धरने पर बैठी है हरियाणा की पीडि़त अरविंदर कौर



- कहती है उसे भारत में नहीं मिल रहा है न्याय, पाकिस्तान सरकार से उसे पाकिस्तान में रहने के लिए शरण
पंकज शर्मा
अमृतसर, 20 जुलाई:
हरियाणा के शहर यमुना नगर में रहने वाली अरविंदर कौर का धरना अटारी बार्डर के पास कस्टम गेट के बाहर 14वें दिन में प्रवेश कर गया है। अरविंदर कौर की मांग है कि भारत में उसे न्याय नहीं मिल रहा है। उसे भारत में अपनी जान को खतरा है। इस लिए उसे पाकिस्तान की सरकार , पाकिस्तान में रहने के लिए शरण दे। इस संबंध में अरविंदर कौर ने आए एक पत्र भारत स्थित पाकिस्तान अम्बैसी को लिखा है। इस की प्रतियां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और भारत के प्रधान मंत्री डा. मनमोहन सिंह को भी भेजी है।
अरविंदर कौर ने 6 जुलाई को अटारी वाघा बार्डर पर शाम के रिट्रीट के समय  मुझे न्याय दो या फिर पाकिस्तान भेज को के नारे लगा कर बीएसएफ व विभिन्न अन्य सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया था। इस महिला को इस हरकत के आरोप में तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया था। जब सुरक्षा एजेंसियों ने इस महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी कि तो महिला के अपने जीवन से संबंधित ऐसे खुलासे किये थे जिस से सुरक्षा एजेंसियों हैरान हो गई और उसे अगले दिन छोड़ दिया था तभी से वह अटारी बार्डर के पास धरना देकर पाकिस्तान में शरण लेने के लिए बैठी हुई है। पाकिस्तान से अटारी बार्डर के माध्यम से आने व जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को वह न्याय और पाकिस्तान में शरण लेने के लिए ज्ञापन देती है ताकि उसकी आवाज पाकिस्तान में भी जाकर लोग उठाएं।
अरविंदर कौर ने बताया कि  वर्ष 2001 में उसकी शादी अजमेर मे एक व्यक्ति के साथ हुई थी। शादी के आठ महीने के बाद ही उसकी उसके पति से अनबन शुरू हो गई। हरविंदर कौर ने अपने पति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए हरियाणा के पुलिस अधिकारी महिंदर सिंह अलावात को शिकायत दर्ज करवाई ।
अरविंदर कौर ने बताया कि  कि महिंदर सिंह अलावत ने भी उसके उपर बुरी नजर रखनी शुरू कर दी, और उसके साथ  तौर पर बलात्कार भी किया । इस की शिकायत भी महिंदर सिंह अलाहवत के खिलाफ उसने उच्च पुलिस अधिकारियों और हरियाणा सरकार को भी दी परंतु उसे आज तक न्याय नहीं मिला। उसे जज बनाने का झांसा देकन उसका मानसिक आर्थिक व शारीरिक शोषण होता रहा है। अलाहवल अब रिटायर हो चुका है। उल्टा  अलावत ने अब उसे तंग परेशान करना शुरू कर दिया है। उसे न्याय देने की जगह उसके घर कई बार देर देर रात पुलिस भेज कर छापामारी करवाई जाती है। उसे मानसिक और समाजिक तौर पर परेशान किया जा रहा है। उसकी मांग है कि या तो उसे न्याय दिया जाए या फिर उसे पाकिस्तान भेज दिया जाए। क्यों कि भारत में अब महिलाओं की इज्जत सुरक्षित नहीं रह गई है। जो भी महिला अपने अधिकारां के लिए आवाज उठाती है उसे मानसिक, शारीरिक और समाजिक तौर पर परेशान किया जाता है। न्याय के लिए बेसहारा महिलाओं को दर दर की ठोकरे खानी पड़ती है। हर एक बेसहारा महिला को भारत में बुरी नजर से ही देखता है।
-पंकज शर्मा

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