अमृतसर पुलिस के एडसीपी बहादुर सिंह और एसीपी जसवंत सिंह हाई प्रोफाईल जुआ कांड में किये निलंबित
अमृतसर, 20 अक्टूबर
महानगर के शालीमार रिजार्ट में गत सप्ताह पकड़े गए हाई प्रोफाईल जुआ में आरोपी पाए गए अमृतसर पुलिस के एडीसीपी बहादुर सिंह और एसीपी जसवंत सिंह को उनके पदों से निलंबित कर दिया गया है। अमृतसर पुलिस के कमिशनर आरपी मित्तल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिये है। मानवीय अधिकार संगठन पंजाब ह्यूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन की ओर से बुधवार को एक रिपोर्ट इस हाई प्रोफाईल जुआ को पकडऩे के दौरान की गई छापामारी और इस दौरान कुछ लोगों को छोडऩे और बरामद किये गए पैसों को खुर्दबुर्द करने की रिपोर्ट मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को भेजी थी। इस रिपोर्ट में संगठन की ओर से कुछ ऐसे तथ्य प्रगट किये गए थे जिस से ऐसा खुलसा हुआ था कि इस सारी छापामारी की कार्यवाई को दबाने के लिए पुलिस ने पक्षपात किया है। वहीं जब सोमवार को डीजीपी कौशिक अमृतसर पहुंचे थे तो मीडिया के प्रश्रो के जवाब में कौशिक ने कहा कि जांच चल रही है और जल्दी ही इस मामले में रिजल्ट जनता के समाने होगा।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले फतेहगढ़ चूडिय़ां रोड़ पर स्थित शालीमार रिजार्ट में रात्रि को कुछ आयोजकों की ओर से हाई प्रोफाईल पार्टी रखी गई थी। इस पार्टी का नाम अमृतसर राउड टेबर 2003 था। क्यों कि इस तरह की पार्टियां प्रत्येक वर्ष दीवाली के करीब एक की गु्रप के साथ जुड़े कुछ लोग वर्ष 2003 से आयोजित करते आ रहे है। इस पार्टी में कपिलस की एंट्री फीस 55 सौ रूपये रखी गई थी। और हिदायत थी कि कम से कम 3 लाख रूपये का जुआ खेलने वाला ही इस में शामिल हो सकता था। इस में हाईप्रोफाईल बार डांसरों को भी बुलाया गया था। पार्टी में खाने पीने के प्रबंध के साथ साथ विदेशी डांस भी पहुंची थी। 14 डांसर फरीदाबाद के एक दलाल से मंगवाई गई थी।
पंजाब ह्यूमन राईटस आग्र्रेनाइजेशन की ओर से पंजाब सरकार को भेजी अपनी तथ्य भरपूर रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया कि आठ अक्टूबर की रात का जब पार्टी चल रही थी तो एडीसीपी क्राईम बहादुर सिंह के नेतृत्व में पुिलस ने रिजार्ट में छापमारी की। इस दौरान पुलिस ने 44 व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज किया। किसी की भी गिरफतारी शो नहीं की गई। और 7 लाख अस्सी हजार से कुछ अधिक की बरामदगी दिखाई गई थी। जबकि असलीयत कुछ और ही थी।
रिपोर्ट के अनुसार छामापारी के दौरान 180 रईसजादे जुआ खेल रहे थे। वहां पुलिस ने एक करोड़ 23 लाख रूपये बरामद किये। प्रबंधकों की ओर से इस पार्टी में शमिल होने के लिए 55 -55 सौ रूपये के 223 कार्ड बेचे गए थे। इस पार्टी में पुरूषों के साथ महिलाएं भी शामिल हुई थी। इस छापमारी में बहादुर सिंह के साथ एसीपी जगवंत सिंह, इंस्पेक्टर जगबीर सिंह, महिला इंस्पेक्टर कमलजीत कौर व राजपाल कौर आदि भी थी। छापामारी के दौरान लोग जुआ खेल रहे थे। पार्ट में 400 से अधिक लोग मौजूद थे। 50 लोग उनक सेवा में थे। 4 विदेशी डांसरे भी थी। इस में शहर की प्रसिद्ध व्यापारी और बड़े घरों के काके भी शामिल हुए थे। कुछ कुंवारे रईसजादे भी अपनी प्रेमिकाओं को लेकर पहुंचे हुए थे। पुलिस ने 223 व्यक्तियों के हिरासत में लिया और नेताओं के फोन पहुंचने के बाद कई लोग छोड़ दिये गए। इक_ा किये पैसों को इंस्पेक्टर जगबीर सिंह ने अपने कर्मचारियों फरचंद और शेरा को बाहर गाड़ी में रखने के दे दिया। छापामारी के दौरान क्षेत्र की चोंकी की प्रभारी राजविंदर घर थी उसे बुला कर रात्रि को मामला दर्ज किया गया। इस की विडियो ग्राफी भी की गई। परंतु पुलिस रिपोर्ट में इस वीडियो ग्राफी का पुलिस ने जिक्र नहीं किया। और पैसे व बार बालाओं के रिकार्ड को भी खुर्द बुर्द कर दिया गया। इस मामले की चल रही जांच में बहुदर सिंह और जसवंत सिंह को आरोपी पाए जाने के कारण निंलंबित कर दिया गया है।
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